रायपुर, कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी इन दिनों कोरोना वारियर्स की भूमिका की निभा रही हैं। मार्च से अब तक घर-घर दस्तक देकर गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों को रेडी-टू-ईट खाद्य सामग्री का वितरण तो कर ही रही है, इसके साथ ही संस्कार अभियान’ के अंतर्गत संस्कार भी बाँट रही है| राजधानी के नगर निगम क्षेत्र में गुढियारी सेक्टर के नयातालाब स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना चक्रवती बच्चों को पोषण आहार के साथ संस्कार अभियान के जरिये ज्ञान बांट रही हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉक-डाउन और अब अन-लॉक की स्थिति में आंगनबाड़ी केद्रों में तालाबंदी की स्थिति है।
संस्कार अभियान’ को सुचारु रुप से संचालित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय के द्वारा बाल गतिविधियों को हितग्राहियों के घर पर कराने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों की शाररिक और मानसिक गतिविधियां को कराने के लिए बच्चों के माता-पिता के मोबाइल पर विडियों के माध्यम से घर पर संस्कार अभियान की गतिविधियां करायी जा रही हैं।
इस प्रकार बच्चें घर पर ही आकृति बनाना, रंग भरना, अंगूठे और ऊंगलियों के छाप बनाना सिख रही हैं। वहीं संस्कार अभियान में मुक्त खेल जैसे- फल बेचने का अभिनय करना, घर में खेल, किचन का खेल खेलना, डॉक्टर का अभिनय, टीचर बनकर, डांस करना, घर पर पूजाघर बनाकर पूजापाठ की क्रियाऐं करना। इससे बच्चे के मन में लॉकडाउन का असर और घर पर ही रहने से उबाऊपन नहीं होगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना चक्रवती बताती हैं पालकों को बच्चों को घर पर गतिविधि उसी के अनुसार गतिविधि कराने को प्रेरित करना चाहिए। जिसमें- नदी, पहाड़ या तालाब, आम का पेड़, सूर्य ,चंद्रमा आदि की आकृति बनाकर रंग भरना । पेड़ की पत्तियों से आकृति बनाना, अलग अलग जानवरों की आवाजें निकालना, फलों व सब्जियों का चार्ट तैयार कर उनकी पहचान करना । घर में उपस्थित सदस्यों के बारे में चर्चा व उनके साथ सामूहिक नृत्य का विडियों बनाना । इस प्रकार बच्चों को घर में उपलब्ध सामग्रियों से गतिविधि कराने के लिए उनके माता पिता को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा फोन पर जानकारी दे रही हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय ने बताया संस्कार अभियान के साथ ही प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय मंगलवार को रेडी टू ईट के पैकेट हितग्राहियों के घर जाकर वितरण कर सोशल डिस्टेंसिंग को समझाने जानकारी भी दी जा रही हैं। इसी तरह पोषण संम्बंधी जानकारी देना और साथ ही सभी बच्चों का वजन उनके घर जाकर लेना जिससे बच्चों के वजन पर निगरानी रखी जा सके।
कोरोना से बचने के निर्देशों को सभी गर्भवती महिलाओं व शिशुवती माताओं के घर गृह भ्रमण कर उनके स्वास्थ्य की निगरानी रखने भी सुनिश्चित किया जाना है। गर्भवती महिलाओं को संस्थागत और सुरक्षित प्रसव के लिए जागरूक भी करना है। कोरोना संक्रमण काल में सुरक्षा के नियमों का अवलोकन अपने आसपास कंटेनमेंट जोन जैसे परिस्थितियों में सावधानियां बनाए रखने की समझाईश भी दी जा रही है।