मध्यप्रदेश : राज्यपाल ने कहा कोरोना संकट के कारण अद्वैतवाद का पुनर्जागरण हो रहा है

भोपाल : राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट का समय चिंतन और नवाचार का है। सारा देश एकजुट होकर एकात्म भाव से इस संकट का आज समाधान ढूंढ रहा है। एक दूसरे का सहयोग कर रहा है। इस भाव को देख कर लगता है कि देश में अद्वैतवाद का पुनर्जागरण हो रहा है। यह बात राज्यपाल श्री टंडन ने पंडित शंभुनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल के तृतीय स्थापना दिवस पर आयोजित वेबीनार के शुभारंभ अवसर पर आज कही।

राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि कोरोना संकट के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन के माध्यम से देशवासियों को सलाह दी। लॉक डाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों का सामना करने का हौसला बढ़ाया, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि लॉक डॉउन के दौरान जो प्रतिबंध लगे थे अब वे धीरे-धीरे हट रहे हैं, लेकिन अभी कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है। हमें सावधानियां बरतनी होगी। धीरे-धीरे हम इस संकट से निजात पा लेंगे। आवश्यकता आत्मनुशासन बनाए रखने की है। संयम और धैर्य से काम लेना है। उन्होंने कहा कि इस संकटकाल के बाद नई संस्कृति का जन्म होने वाला है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी क्षमता और योग्यता के साथ स्व-प्रेरित होकर भारत के विकास को नई दिशा देने के लिये कार्य करें।

उन्होंने देश की बेटियों, छात्रों और नागरिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन लोगों ने जिस तेजी के साथ कोरोना का सामना करने के लिए मास्क और अन्य आवश्यक उत्पादों का निर्माण कर आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारा विश्वास ओर अधिक बढाया है। उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास गवाह है कि विषम परिस्थितियों में भी हम अपने आत्मसम्मान और संस्कृति की रक्षा करते रहे हैं। देशवासियों ने आत्मानुशासन, विशेषज्ञों की राय और प्रधानमंत्री की सलाह का पालन करके विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, क्योंकि इतनी बड़ी आबादी के बीच संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका घर में रहकर अपना बचाव करना था, जिसका पालन लोगों ने एकजुट होकर किया।

वेबीनार में रीवा, चित्रकूट और शिमला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री ए.डी.एन वाजपेयी ने स्वदेशी आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद विषय पर अपनी अवधारणा प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न संकट के समय में हमें प्रधानमंत्री की देशवासियों से आत्मनिर्भरता की अपील पर अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन करना होगा। इसके लिए स्वदेशी आचरण अपनाकर हमें क्षेत्रगत विशेषताओं को ध्यान में रखकर अपने उत्पादन का निर्माण करना होगा। अपने उत्पाद को देश के साथ-साथ अन्य देशों तक पहुंचाना होगा, जिससे देश आर्थिक आत्मनिर्भरता और सम्पन्नता की ओर बढ़े।

पंडित एस.एन शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर मुकेश तिवारी ने स्वागत वक्तव्य मेंबताया कि पांच दिवसीय इस आयोजन में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेडिटेशन, हाइजीन एवं पब्लिक हेल्थ, शासकीय योजनाएं एवं मीडिया से चर्चा के साथ-साथ कोरोना वारियर्स का सम्मान किया जाएगा।

आयोजन की संयोजिका डॉ मनीषा तिवारी ने बताया कि पांच दिवसीय आयोजन से विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी जुड़ेंगे तथा इससे लाभान्वित होंगे। विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ करुणेश झा ने आभार व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *