रायपुर, 01 जून 2020/ वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में वनोपज राजकीय व्यापार अंतर्विभागीय समिति की बैठक में सफल निविदाकार-खरीदार को ई-क्रेता करारनामा के माध्यम से वनोपज के निष्पादन व विक्रय का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के मद्देनजर लिया गया है। इसका उद्देश्य सफल निविदाकार व क्रेता को सहूलियत प्रदान करने के साथ ही समयावधि में वनोपज का बेहतर मूल्य पर विक्रय सुनिश्चित किया जाना है।
ज्ञात हो कि वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता एवं अराष्ट्रीयकृत वनोपज जो भारत सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहित एवं भंडारित की जाती है। जिसके क्रय-विक्रय के लिए मैन्युवल पद्वति से निविदा जारी कर वनोपज का निष्पादन व विक्रय होता है। कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन चलते वनोपज राजकीय व्यापार अंतर्विभागीय समिति की बैठक में क्रेता करारनामा का निष्पादन डिजिटल हस्ताक्षर से करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
मंत्री श्री अकबर ने बैठक में तेंदूपत्ता संग्रहण एवं भुगतान की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सुरक्षित संग्रहण के साथ-साथ एवं तेंदूपत्ता संग्राहकों को नियमित भुगतान के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री अकबर ने वनोपज हर्रा, बहेरा, नागरमोथा, साल बीज, चरौटा बीज, महुआफूल, बेल गुदा, थवईफूल, सूखा आंवला, पलाशफूल की खरीदी और विक्रय की भी जानकारी ली। उन्होंने उक्त वनोपज का सही मूल्य आने पर विक्रय किए जाने की सहमति प्रदान की।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वनोपज गिलोय औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। वर्तमान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के मद्देनजर लोग इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए गिलोय का पाॅउडर, टेबलेट, काढ़ा के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जिसके कारण खपत में बढ़ोत्तरी हो रही है, इसका बाजार मूल्य भी अच्छा मिलता है। मंत्री श्री अकबर ने गिलोय की औषधि गुणों का परीक्षण कर इसे संजीवनी के माध्यम से भी लोगों के लिए उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंग्गुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, एम.डी. श्री संजय शुक्ला, श्री आनंद बाबू सहित वित्त और उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।