प्रवासी महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थान में रखने के निर्देश


क्वारेंटाइन सेंटर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं देंगी सेवाएं
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र


रायपुर, महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी महिलाओं और बच्चों को यथासंभव सुरक्षित और पृथक भवन में रखे जाने की व्यवस्था करने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा दिए गए हैं। ऐसा संभव न होने पर गर्भवती, शिशुवती महिलाओं और छोटे बच्चों को आवश्यक रूप से उपयुक्त स्थान में सुरक्षित रखते हुए उनके स्वास्थ्य तथा पोषण का ध्यान रखने अथवा होम क्वारेंटाइन कर मॉनिटरिंग करने को कहा गया है। इस संबंध में मंत्रालय से महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। 
कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि क्वारेंटाइन केन्द्रों या परिवार में वापस जाने पर महिलाओं के विरूद्ध हिंसा, घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं न हो। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार कानूनी प्रावधानों के तहत महिलाओं को संरक्षण प्रदान किया जाए। महिला हेल्पलाइन 181 और सखी सेंटरों में ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट करने की व्यवस्था की जाए। बच्चों के विरूद्ध हिंसा न हो यदि ऐसा होता है तो 1098 चाईल्ड हेल्पलाइन और जिले की बाल कल्याण समिति को सूचित करने की व्यवस्था की जाए। 
कलेक्टरों को प्रवासी मजदूरों के उनके घर लौटने के बाद उनके परिवार की महिलाओं और बच्चों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए पंजीकृत करते हुए समुचित कार्यवाही करने भी कहा गया है। इसके साथ ही क्वारेंटाइन सेंटरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य विभाग की महिलाओं की सेवा लेने तथा इनकी सुरक्षा का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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