सत्ता बिना छटपटा रहे है भाजपा नेता, जनता की मदद के बजाये झूठ बोलने और भ्रम फैलाने में लगे है, सुरेंद्र वर्मा

भाजपा नेता कोरोना पीड़ितों की मदद के बजाय घड़ियाली आंसू बहाकर ग़लत बयानी कर रहे हैं

रायपुर/29 मई 2020। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि विपदा काल में ही मुखिया के नीति और नियत की परख होती है। 2 महीने से लॉक डॉउन के चलते व्यापार-व्यवसाय लगभग शून्य है। मोदी सरकार की अकर्मण्यता का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है कि पूरी दुनिया में केवल भारत में ही इतनी बड़ी संख्या में बेबस भूख और प्यास से बदहाल मजदूर थकान से और दुर्घटनाओं में सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं। भाजपा मोदी सरकार जिम्मेदारियों से भाग रही हैं। आपदा काल में भी मोदी सरकार देश की जनता को मदद के बजाये गुमराह कर रही है। कोरोना संकट में अन्य देशों ने जनता को सीधी आर्थिक मदद दी लेकिन मोदी सरकार ने तो तत्कालिक आपदा राहत की परिभाषा ही बदल दी है। जिसमें सरकार का कोई योगदान नहीं है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा नेताओं से पूछा बैंकों के माध्यम से लगाए जाने वाला लोन मेलों को आपदा राहत कैसे कहा जा सकता है? वेतन भोगियों के तनखा के लिये दुनिया के तमाम देशों के द्वारा की जा रही प्रत्यक्ष सहायता के अनुरूप मोदी सरकार को “वेतन सहायता पैकेज“ देना चाहिए। केंद्र सरकार की तमाम नाकामी के बावजूद संघीय व्यवस्था का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य ने कोरोना से लड़ाई में नित नये कीर्तिमान स्थापित किये है। कोरोना से लड़ाई में प्रदेश सरकार और आमजन को आपदा काल में जनहित के मुद्दों पर सहयोग देने के बजाय भाजपा नेता झूठ और भ्रम फैलाने में लगे हैं। आपदा काल में देश के संसाधन देश की जनता के लिए केन्द्र सरकार क्यों उपलब्ध नहीं करा रही हैं? क्या आपदा राहत पैकेज के नाम पर केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे को केंद्रित नीतियां बनाना और शेष देश के लिये लोन मेला लगाना ही मोदी सरकार का दायित्व है? क्या छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं का छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है? आपदा के समय केयर की जरूरत जनता को है या देश के प्रधानमंत्री के चहेते उद्योगपतियों को? छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता आपदा काल में एक सूत्रीय कार्यक्रम चलाकर प्रदेश के खनन उद्योग के सीएसआर मद का पैसा और लोगों से चंदा वसूली कर पीएम केयर फंड में दबाव पूर्वक जमा करवाने का काम क्यों कर रहे हैं? आपदा राहत के नाम पर मोदी सरकार के कथित 20 लाख करोड़ के पैकेज में गरीब, किसान, मजदूर, मध्यमवर्ग, नौकरी और वेतन की चिंता में जूझ रहे लोगों को क्यों अब तक कोई मदद नहीं दी गई है? कांग्रेस के नेताओं के द्वारा 65,000 करोड़ की मांग की गई थी। यह 6500 करोड़ गरीबों, मध्यमवर्ग, किसानों, मजदूरों, रोज कमाने खाने वालों के लिये था। मोदी सरकार द्वारा कई गुना ज्यादा 20 लाख करोड़ का जो पैकेज घोषित किया है। अब उसकी हकीक़त सामने आ चुकी है। 20 लाख करोड़ का सपना दिखा कर देश के जरूरतमंदों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम भाजपा नेता कर रहे है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस के राहुल गांधी ने मोदी सरकार से लोगों के खातों में सीधे पैसे जमा करने की मांग करते रहे हैं। भाजपा को देश और प्रदेश की जनता के संकट से कोई सरोकार नहीं है। सीमित संसाधनों के द्वारा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ठोस नीति और दूरदर्शिता से महामारी पर बेहतर नियंत्रण के साथ साथ जनता के आय के लिए भी बेहतर काम कर रही है। लॉक डॉउन के दौरान जहां मनरेगा में छत्तीसगढ़ के लगभग 26 लाख लोगों को रोजगार देने के साथ छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल रहा है। लघु वनोपज की खरीदी में पूरे देश के कुल खरीदी के 93 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर रहा। वनांचल में रह रहे लोगों को वनोपज के समर्थन मूल्य के रूप में नगद राशि प्रदान की गई। राहत के नाम पर भारतीय जनता पार्टी के नेता कोरी बयानबाजी करके केवल लोगों में भ्रम फैलाने का ही काम कर रहे है। अपनी नाकामी को छुपाने छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता नित नए बहाने तलाश रहे हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व में महामारी और अर्थव्यवस्था के दोहरे मोर्चे पर बेहतरीन प्रबंधन के साथ काम कर रही प्रदेश सरकार पर तथ्यहीन और आधारहीन आरोप लगाकर भाजपाई ना सिर्फ़ आपदा काल में बेहतरीन ढंग से काम कर रही प्रदेश सरकार और कोरोना योद्धाओं का मनोबल तोड़ने का कार्य कर रही है, बल्कि कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई में पूरे प्रदेश का नुकसान करने पर आमादा है। इस आपदा काल में प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने में या रचनात्मक सुझाव देने में भाजपाइयों का क्या योगदान है? शून्य और निगेटिव। दरअसल झूठ, भ्रम और नफरत फैलाना ही भारतीय जनता पार्टी और आर एस एस का प्रमुख राजनीतिक हथियार है। छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता अपनी राजनीतिक जमीन खिसकता हुआ देखकर बौखलाहट में गंगाजल के कसम खाने के संदर्भ में कर्जमाफी के स्थान पर शराबबंदी को जोड़कर प्रदेश की सरकार पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता विगत 16 महीनों में ही जान भी चुकी है और समझ भी चुकी है कि कौन सी सरकार वादा निभाना जानती है और कौन लोग थे जो लगातार 15 साल वादाखिलाफी करते रहे! भूपेश बघेल सरकार की बढ़ती लोकप्रियता से बौखलाए भारतीय जनता पार्टी के नेता गलत बयानी करने लगे हैं!
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में और सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों, अधिकारियों, सभी शासकीय-अशासकीय कर्मचारियों और छत्तीसगढ़ की सरल जनता के द्वारा जिस तरह से कोरोना के खिलाफ़ सफल लड़ाई लड़ते हुए, कोरोना को नियंत्रित रखा गया है, जिस तरह कोरोना से प्रदेश मे किसी की जान नहीं गयी है, उससे छत्तीसगढ़ भाजपा के लोग खुश होने के बजाय बौखला गए हैं, और इसी कारण ये प्रदेश सरकार का और छत्तीसगढ़ वासियों का मनोबल तोड़ना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश भाजपा अपने इन मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होगी स इनकी ऐसी चालों से अब छत्तीसगढ़ की जनता वाकिफ हो चुकी है और भाजपा के लोग खुद अपनेआप को एक्सपोज़ कर रहे हैं।

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