मनरेगा के काम बंद होने से श्रमिक हैं चिंतित
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने लिखा मुख्यमंत्री बघेल को पत्र
रायपुर। प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की चिंता नहीं की जा रही है। इस पर प्रदेश सरकार को जल्दी फैसला लेना चाहिए। इस कोरोना काल में श्रमिकों के सामने दो वक्त की रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता जा रहा है और इनकी चिंता करने वाला कोई नहीं है। श्री कौशिक ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा रोजगार गारंटी योजना के तहत 100 दिनों के रोजगार का लक्ष्य रखा जाता है और प्रदेश में 50 दिनों के रोजगार का अतिरिक्त लक्ष्य पूर्ववर्ती भाजपा शासन में रखा गया था ताकि मनरेगा के श्रमिकों को नियमित दो वक्त की रोजी-रोटी मुहैय्या कराई जा सके।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के केंद्र सरकार के 100 दिनों का रोजगार का लक्ष्य पूरा हो गया है, वहीं अब तक प्रदेश सरकार ने 50 दिनों तक रोजगार देने का ऐलान नहीं किया है। किसी तरह से कोई आदेश जारी नहीं किया है। इसे लेकर प्रदेश के श्रमिक चिंतित हैं। जब भाजपा की सरकार थी तब 50 दिनों तक रोजगार अतिरिक्त दिया जाता था जिससे प्रदेश के मनरेगा श्रमिकों को 50 दिनों का अतिरिक्त रोजगार मिलना संभव हो पाता था। श्री कौशिक ने कहा कि इस संकटकाल में रोजगार का और कोई जरिया नहीं होने के कारण श्रमिकों के सामन आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पूरे प्रदेश में श्रमिकों के पास काम नहीं होने से वे बेरोजगार होते जा रहे हैं। समय रहते पंचायतों को मनरेगा का कार्य आदेश दिया जाना चाहिये ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। श्री कौशिक ने यह भी कहा कि अब तक के मनरेगा का बकाया भुगतान भी श्रमिकों को जल्द किया जाना चाहिए। मनरेगा योजना को लेकर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द उचित कदम उठाए ताकि श्रमिकों को रोजगार मिल सके। श्री कौशिक ने इस संबध में एक पत्र भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा है।