रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने उन बड़े नामी निजी स्कूलों पर प्रदेश सरकार से नज़र रखने को कहा है जो मासिक फीस के अलावा परिवहन के नाम पर पिछले तीन महीने का शुल्क वसूलने पर आमादा हैं, जबकि इन तीन महीनों में जब बच्चे स्कूल गए ही नहीं तो परिवहन के नाम पर उनके अभिभावकों पर शुल्क जमा करने का दबाव कैसे बनाया जा रहा है?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण जारी लॉकडाउन के चलते प्रदेश के अनेक निजी स्कूल इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहे हैं। इन स्कूलों के लिए अभिभावकों पर शालेय शुल्क जमा करने का दबाव नहीं बनाने का जारी सरकारी फरमान गहरा संकट उत्पन्न कर रहा है। ऐसी स्थिति में इन स्कूलों के प्रबंधन के सामने विद्यालयीन शिक्षक-शिक्षिकाओं व अन्य स्टाफ के वेतन तथा दीगर व्यवस्थाओं के लिए राशि जुटाना एक बड़ी चुनौती है। श्री सुंदरानी ने कहा कि ऐसे स्कूलों की तीन माह की मासिक फीस की राशि प्रदेश सरकार अपनी मद से जारी करे ताकि अभिभावकों पर भी दबाव नहीं बढ़ेगा और विद्यालयों के सुचारु संचालन में प्रबंध समितियों को बड़ी दिक्कत से राहत मिल सकेगी। जिन शालाओं की स्थिति बेहद संकटपूर्ण है, उन शालाओं को प्रदेश सरकार अनुदान देकर भी मदद मुहैया कराए।