कोण्डागांव : विगत 21 मई को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेन द्वारा ऑनलाइन माध्यम से प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुभारम्भ किया। इसके तहत 2500 रुपये पर धान खरीदी पर अन्तर की राशि किसानों तक चार किश्तों में पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है। सुनने पर तो यह अत्यंत सादगी पूर्ण राशि हस्तांतरण लगता है परन्तु यह छत्तीसगढ़ शासन के करिश्माई नेतृत्व एवं दूरदर्शिता का उदाहरण देता है। जिसका आभार आज पूरे छत्तीसगढ़ के किसान बन्धु कर रहे हैं। यह राशि ऐसे समय में आई है जब पूरा देश लॉकडाउन से प्रभावित है और आगामी मानसूनी कृषि के लिए किसानों के पास नगद का आभाव है। जिससे किसानों को काफी मदद मिल रही है।
ऐसे ही विकासखण्ड माकड़ी के ग्राम माकड़ी के पटेलपारा निवासी 43 वर्षीय सुरेश कुमार कश्यप ने बताया कि वह पिछले कई सालों से किडनी संबंधित समस्या से पीड़ित है जिसकी वजह से उसे हर सप्ताह रायपुर इलाज के लिए जाना पड़ता है। फिर भी वह 6 सदस्यों वाले परिवार का मुखिया होने के नाते घर की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उसके ऊपर ही है वह 15 एकड़ खेत में धान की खेती करने के साथ परिवार का ध्यान भी रखते हैं। धान का क्रय राज्य शासन द्वारा 2500 रुपये में किये जाने की घोषणा से वह बहुत खुश था। 130 क्विन्टल धान विक्रय की राशि प्राप्ति के बाद वह निशदिन बोनस के आने का इंतजार कर रहा था। ऐसे में कोरोना महामारी के बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के बाद उसकी तबियत बिगड़ गयी थी जिससे उसके घर की चरमरा गई थी। ऐसे में धान खरीदी की अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना से उसे 88 हजार 400 रुपये की राशि प्राप्त होनी थी जिसमें से प्रथम किस्त के रूप में 23 हजार 300 रुपये सीधे खाते में आने से इस संकट की घड़ी में उंसके मनोबल में वृद्धि हुई है। ये वो समय है जब अपना भी अपनों से मुह मोड़ रहा है ऐसे में शासन हमारे लिए संकटमोचक भगवान बनकर आयी है। जिसने इस विपदाकाल में हमारे संकटों में हमारा साथ दिया है। इसके लिए मैं शासन का तहेदिल से शुक्रगुजार हूँ।
ग्राम माकड़ी के ही नयापारा निवासी एक अन्य किसान रोहित कुमार पोयाम ने बताया कि वह कई सालों से अपनी 13 एकड़ जमीन पर कृषि कार्य कर रहा है। पिछले साल उसने 160 क्विन्टल धान का उत्पादन किया। जिसे उसने निकट के लैम्प्स में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचा जिससे उसे अच्छी आमदनी हुई परन्तु शासन द्वारा किये गए 2500 रुपये के वादे के अनुसार वह अंतर की राशि प्राप्ति के लिए उत्सुक था क्योंकि प्रत्येक वर्ष वह धान बिक्री से प्राप्त हुई राशि से केवल वर्ष भर के लिए जीवनयापन की वस्तुएं ही ले पाता था परन्तु उसे अपने खेत की उर्वरता में वृद्धि और विकास के लिए पैसा पर्याप्त नही हो पाता था। ऐसे में राजीव गांधी न्याय योजना के तहत मिल रही राशि से वह अगली फसल के पूर्व अपने खेत को विकसित कर सकेगा जिससे अगले वर्ष और भी अधिक उत्पादन के द्वारा वह आर्थिक प्रगति कर सके। उसने आगे बताया कि उसे न्याय योजना के तहत 90 हजार से अधिक राशि प्राप्त होनी है। जिसकी पहली किस्त के रूप में उसे 27 हजार 9 सौ रुपये 21 मई को उंसके खाते में आ गए हैं। जिसके लिए उसने शासन का धन्यवाद किया और कहा कि उंसके आज तक के खेतों में की गयी मेहनत का उसे अब उचित इनाम मिल रहा है। जिससे उसे उसके हक का न्याय भी प्राप्त हुआ है।