कृषि उत्पादन आयुक्त ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए खरीफ की तैयारियों की समीक्षा की
रायपुर, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. श्रीमती मनिन्दर कौर द्विवेदी ने खरीफ सीजन के मद्देनजर राज्य के सभी सहकारी समितियों ने अनिवार्य रूप से 30 मई तक खाद एवं बीज का भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज यहां वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि, सहकारिता, बीज विकास निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर खरीफ सीजन की तैयारियों की समीक्षा की। कृषि उत्पादन आयुक्त ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के निर्देश का पालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य में बीज उत्पादन एवं फसल प्रदर्शन कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से संचालित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ के किसान स्वावलंबी बने इसके लिए खरीफ सीजन में विशेष अभियान संचालित किया जाना है। उन्होंने सुराजी गांव योजना के गांवों एवं शासकीय कृषि प्रक्षेत्रों में भी बीज उत्पादन का कार्यक्रम प्राथमिकता से लिए जाने के निर्देश दिए।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों को राज्य में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए खेतों की मेड़ों पर अरहर की खेती के लिए किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कहा कि अरहर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के 10 जिलों का विशेष रूप से चिंहाकन किया गया है, जिसमें बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, धमतरी, बलौदाबाजार, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा एवं रायगढ़ शामिल हैं। इन जिलों के सभी गांवों में अरहर की खेती के लिए किसानों को हर संभव मार्गदर्शन एवं मदद दी जानी चाहिए। अधिकारियों को खाद-बीज की गुणवत्ता एवं वितरण कार्य पर सतत् निगरानी रखने के भी निर्देश दिए गए।
समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि राज्य में इस साल खरीफ की विभिन्न फसलों के लिए 9 लाख 7 हजार 800 क्विंटल बीज की आवश्यकता है। सहकारी समितियों में अब तक 4 लाख 58 हजार 131 क्विंटल बीज का भण्डारण कराया गया है, जो मांग का 50 फीसद है। इसी तरह समितियों में 11 लाख 30 हजार मैट्रिक टन खाद भण्डारण के लक्ष्य के लिए अब तक 5 लाख 26 हजार 359 मैट्रिक टन खाद का भण्डारण किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 47 प्रतिशत है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि किसानों द्वारा खरीफ के लिए खाद-बीज का निरंतर उठाव किया जा रहा है। अब तक एक लाख 96 हजार 912 क्विंटल प्रमाणित बीज तथा 2 लाख 15 हजार 675 मैट्रिक टन खाद का उठाव हो चुका है। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि बीज उत्पादन एवं फसल प्रदर्शन के लिए ग्रामवार किसानों का चयन कर उन्हें इसके लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है।