रायपुर/ 22 मई 2020। खाने कमाने बाहर गये छत्तीसगढ़ के मजदूर भाइयों के लौटने पर कुछ के कोरोना संक्रमण का शिकार पाये जाने पर भाजपा की प्रतिक्रिया पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पहले मजदूरों को मजबूर किया अब भाजपा उनका अपमान कर रही है। भाजपा नेताओं की यह टिप्पणियां भाजपा के गरीब विरोधी मजदूर विरोधी छत्तीसगढ़ विरोधी रवैयें का जीता जागता सबूत है। अगर बाहर कमाने खाने गये हुये हमारे छत्तीसगढ़ के मजदूर कोरोना संक्रमण के कारण वापस आ रहे है और उनमें से कुछ लोग संक्रमित है तो इस अव्यवस्था कहकर भाजपा नेताओं ने सारी मानवीय संवेदनायें ताक पर रख दी है। ये मजदूर छत्तीसगढ़ महतारी के बेटे है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा ने तो ऐसी बातें करके मजदूरो का अपमान करने की कोशिश न करें। कोरोना संक्रमण की परिस्थितियां के लिये भाजपा की केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। केक्न्द्र सरकार के प्रबंधन ने ही आज की परिस्थिति को पैदा किया है। भाजपा की केन्द्र सरकार ने अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डो में आने वालो की जांच नहीं करवायी संदिग्धों को क्वारेंटाईन नहीं किया।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अब मजदूरो के घर गांव छत्तीसगढ़ वापस आने पर कोरोना के कुछ मामले सामने आ रहे है तो भाजपा नेता गरीब विरोधी, मजदूर विरोधी बयान देकर स्तरहीन राजनीति कर रहे है। इस गरीब विरोधी, मजदूर विरोधी राजनीति को छत्तीसगढ़ के लोग सहन नहीं करेंगे।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना एक संक्रामक बीमारी है और इस संक्रामक बीमारी के फैलाव को सबसे पहले रोका जाना था अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डो में। जब विदेशो से लोग आ रहे थे, जब 30 जनवरी को कोरोना का पहला मामला सामने आया, फिर 24 फरवरी को गुजरात को लाखो लोगो को इकट्ठा कर के नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम कराया गया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के निर्वाचित सरकार को गिराते तक लाकडाउन को रोका गया। भाजपा की केन्द्र सरकार ही कोरोना संक्रमण की हालत बिगड़ने के लिये जिम्मेदार है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना का जो आपदा है वो किसी दल विशेष की, किसी सरकार विशेष की नहीं पूरे देश की समस्या है। इसमें केन्द्र सरकार को, राज्य सरकार को सत्ताधारी दल को विपक्षी दल को सामाजिक संगठनों को सबको भूमिका निभाने थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। छत्तीसगढ़ में हमने देश में सबसे पहले स्कूलो को बंद कर दिये है। हमने देश में सबसे पहले 144 लागू की और इसी कारण छत्तीसगढ़ में स्थिति नियंत्रित है। कुछ मरीजो की संख्या बाहर से प्रवासी मजदूर वापस आ रहे तो बढ़ रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी इस पूरे परिदृश्य से नदारद है। विपदा में मद्द करने के बजाय भाजपा केवल राजनीति कर रही है, गलतियां निकालने वाले बयान दे रही है लेकिन इससे समस्या के हल तो में नहीं होगा। भाजपा के सांसदो ने छत्तीसगढ़ सरकार को सीएम रिलीफ फंड में एक पैसा तक नहीं दिया जबकि छत्तीसगढ़ के मजदूरों को सीएम रिलीफ फंड से ही मद्द दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मजदूर बड़ी संख्या में कमाने खाने बाहर के प्रदेशो में जाते है। बहुत बड़ी संख्या है और कोरोना के बाद जिस तरीके से ट्रेन बंद की गयी भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा सारे मजदूर वहां फस के रह गये और जहां वे फंसे थे उनके पास न रोजी रोटी थी, न खाने को था। अब वे मजदूर लौट के आ रहे है, पैदल आ रहे है, भूखे प्यासे आ रहे है, अब इन मजदूरों को छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा बसे लगाकर घर, गांव पहुंचाया जा रहा है। जिन मजदूरो को क्वारेंटाईन करने की आवश्यकता है उनको क्वारेंटाईन भी किया जा रहा है। भाजपा द्वारा क्वारेंटाईन सेंटरों में गलतियां निकालने पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि भाजपा बताये भाजपा शासित राज्यों में क्वारेंटाईन सेंटर की क्या स्थिति है, क्या हालात है? पूरे देश की रिपोर्ट की सूचनायें बायोलाॅजी के इस युग में मिलती है। भाजपा शासित राज्यों में मजदूरों की हालात बहुत खराब है। भाजपा शासित राज्यों में क्वारेंटाईन सेंटरों की हालत बहुत खराब है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मजदूरो की सारी चिंता का काम कांग्रेस की सरकार ने भूपेश बघेल की सरकार ने किया है। छत्तीसगढ़ में पूरे संवेदना साथ कांग्रेस सरकार उनका ध्यान रखने का काम कर रही है। भाजपा इसमें गलती निकाले तो उसे याद रखना चाहिए कि जब एक उंगली किसी की तरफ उठाते है तो चार उंगली आप की ओर तो उठती ही है।
’श्रमिक विरोधी योगी सरकार की फैक्ट शीट’ और ’बस विवाद’
ऽ याद करिए जब लाकडाउन 1 के बाद हजारों मजदूर दिल्ली से पैदल ही अपने घर को लौटने लगे तब कांग्रेस पार्टी ने यूपी सरकार से बसें चलाने की अपील की।
ऽ याद करिए उत्तराखंड से 1800 लोगों को स्पेशल बसों से गुजरात भेजा गया था। जनता ने मांग की कि श्रमिकों के लिए भी कुछ ऐसा किया जा सकता है।
ऽ काम छिन जाने और कोई सहारा न बचने के चलते जब 2-3 दिन तक लाखों श्रमिक परेशान होकर सड़कों पर निकलने लगे तो योगी सरकार ने कुछ बसों की व्यवस्था की। बसें गाजीपुर बार्डर व कौशांबी से चलीं।
ऽ लेकिन योगी सरकार ने श्रमिकों की मजबूरी नहीं समझी और उनसे मोटे किराए वसूले गए। श्रमिकों ने अपने टिकट सोशल मीडिया पर डाले।
ऽ योगी सरकार द्वारा अन्य राज्यों में बनाए गए नोडल सेंटर निष्क्रिय निकले और इसकी खबर भी अख़बारों में छपी।
ऽ लॉक डाउन 3 के बाद जब देश भर के श्रमिक बुरी तरह परेशान होने लगे तब केंद्र सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा हुई।
ऽ आश्चर्य की बात ये है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भाजपा सरकार ने टिकट का पैसा श्रमिकों से वसूला। कई श्रमिकों से ज्यादा पैसे वसूले गए। सूरत में दलालों ने भी यूपी के श्रमिकों से पैसे वसूल।
ऽ खुद यूपी के मुख्य अपर सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रेस कांफ्रेंस में स्वीकार किया कि श्रमिक खुद अपना पैसा देकर आ रहे हैं।
ऽ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के कहने पर श्रमिकों के टिकट के पैसे कांग्रेस पार्टी ने देने शुरू किए और सभी कांग्रेस शासित राज्यों से ट्रेनें फ्री हो गईं।
ऽ भाजपा की सरकारें श्रमिकों से पैसे लेती रहीं।
ऽ लॉकडाउन 4 की स्थिति साफ न होने के चलते कई श्रमिक फिर सड़कों पर पैदल चलने लगे। एक गर्भवती महिला गुरुग्राम से 600 किमी पैदल चलकर महोबा गई। ऐसे हजारों किस्से सामने आए।
ऽ 60 से अधिक श्रमिक सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए।
ऽ यूपी सरकार के मंत्री उदय भान सिंह ने कहा कि श्रमिक चोर – डकैत की तरह भाग रहे हैं।
ऽ भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता ने कहा ये लोग चेहरे से मजदूर तो नहीं लग रहे। ये तो ऐसा लगता है कि गर्मी की छुट्टियां मनाने आए हैं।
ऽ श्रमिकों, गर्भवती महिलाओं को पैदल चलते देख कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने यूपी सरकार को 1000 बसों की मदद का प्रस्ताव दिया।
ऽ यूपी के मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि वो सक्षम हैं बसें चलाने में। फिर मीडिया में झूठ बोलना शुरू किया कि उन्होंने तीन दिन से बसों की लिस्ट मांगी है।
ऽ खुद को फंसा देखकर यूपी के सीएम ने प्रियंका गांधी जी के ऑफिस में चिट्ठी भेजकर सारी बसों की लिस्ट मांगी। और सारी बसें 12 घंटे के भीतर लखनऊ लाने को कहा।
ऽ प्रियंका जी के ऑफिस द्वारा 1051 बसों की लिस्ट मिलते ही भाजपा सरकार ने झूठ फैलाना शुरू कर दिया।
ऽ भाजपा सरकार की खुद की लिस्ट के अनुसार कांग्रेस द्वारा भेजी गई लिस्ट में 879 बसें ़ स्कूल बसें थीं। कुल मिलाकर सवाल ये था कि जब खुद यूपी सरकार के अनुसार 900 के ऊपर बसें थीं तो क्यों इन बसों को श्रमिकों की मदद के लिए नहीं लगाया गया।
ऽ राजस्थान सरकार के परिवहन विभाग द्वारा सत्यापित करने पर हमारे वाहनों की इस लिस्ट में से कुल 1032 बसें निकलीं। मतलब 1000 से ज्यादा बसें।
ऽ सवाल ये उठता है कि योगी सरकार ने 1000 से ज्यादा बसें होने के बावजूद ये नाटक क्यों किया। जबकि उसी समय श्रमिक पैदल चल रहे थे।
ऽ प्रियंका गांधी जी ने सेवा भाव से प्रस्ताव दिया कि आप खुद का झंडा – बैनर लगा लीजिए लेकिन बसों को चला दीजिए।
ऽ लेकिन योगी सरकार ने इस पूरे सिलसिले में राजनीतिक दुर्भावना और गरीब विरोधी मानसिकता से मानवता को कुचल दिया।
ऽ तीन दिन में लगभग 3 करोड़ 50 लाख रुपए योगी सरकार ने बर्बाद कराए और 92000 श्रमिकों की मदद रोकी।
ऽ 42 डिग्री सेंटीग्रेड में श्रमिक अभी भी पैदल, रिक्शे से चल रहे हैं। इन्हीं श्रमिकों से बसों के टिकट वसूले गए, ट्रेन के टिकट वसूले गए और जब किसी ने 1000 बसों की मुफ्त सेवा देनी चाही तो भाजपा ने गंदी राजनीति खेल कर वो मद्द भी नहीं दी है।