कोई भी परिवार बिना शौचालय के न हो इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध -उपमुख्यमंत्री शर्मा

हमारा शौचालय, हमारा सम्मान की थीम पर हुआ विश्व शौचालय दिवस का आयोजन

19 नवम्बर से 10 दिसंबर तक होगा विविध गतिविधियों का आयोजन

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर 5 हितग्राहियों को व्यक्तिगत शौचालय का स्वीकृति पत्र एवं स्वच्छाग्राही दीदियों को स्वच्छता  किट का किया वितरण

रायपुर, 19 नवंबर 2024: विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आज उपमुख्यमंत्री निवास कार्यालय में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में हमारा शौचालय, हमारा सम्मान की थीम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छता के महत्व और शौचालय उपयोग को लेकर ग्रामीण समुदायों में जागरूकता फैलाना था।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के कल्पना को साकार करने का प्रण लेते हुए 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का शंखनाद किया। माननीय प्रधानमंत्री जी का यह प्रण आज संपूर्ण राष्ट्र का प्रण बन चुका है। स्वच्छ भारत के निर्माण को एक जनक्रांति का स्वरूप देने की कड़ी में 19 नवम्बर, 2024 विश्व शौचालय दिवस से 10 दिसम्बर, 2024 मानव अधिकार दिवस तक पूरे राष्ट्र में अभियान मनाया जा रहा है। यह अभियान हमारा शौचालय हमारा सम्मान के विषय पर मनाया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी परिवार बिना शौचालय के न हो इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा की स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के फेज-2 में हमारा प्रदेश ओ.डी.एफ. प्लस मॉडल प्रदेश बनने की ओर निरंतर आगे बढ़ रहा है जिसके लिए स्वच्छाग्राही समूहों की दीदीयों के माध्यम से घर-घर से कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच एक कुप्रथा का अंत करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की आधारशीला रखी गई है। खुले में शौच करने से पानी और मिट्टी प्रदूषित होती है, जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। व्यक्तिगत शौचालयों के उपयोग से इन बीमारियों में कमी आती है। महिलाओं को खुले में शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ता था, जिससे उनकी गरिमा और सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह रहता था। व्यक्तिगत शौचालयों ने उन्हें इस असुविधा से मुक्त किया है। रात के समय या विषम परिस्थितियों में बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। गांव के आस-पास के वातावरण में स्वच्छता बनी रहती है।जिससे बीमारियों के प्रसार पर नियंत्रण होता है।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि व्यक्तिगत शौचालयों का उपयोग केवल एक व्यक्तिगत सुविधा नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को स्वस्थ, स्वच्छ और सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने ग्रामीण भारत में स्वच्छता के महत्व को समझाया है और लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाया है। यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में सहायक होगी।

अब तक प्रदेश के लगभग 36 लाख से अधिक परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। वहीं 13137 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया है। 16,167 गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था बन चुकी है। 18,659 गांवों में गंदे पानी के निपटारे हेतु संरचनाओं का निर्माण हो चुका है।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर 5 हितग्राहियों को व्यक्तिगत शौचालय का स्वीकृति पत्र एवं 5 स्वच्छाग्राही दीदियों को स्वच्छता  किट का वितरण किया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वर्चुअल रूप से जिलों से जनप्रतिनिधियों, सरपंच एवं अधिकारीगण शामिल हुए। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जिले से जुड़े सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों से भी वर्चुअली बातचीत की। कार्यक्रम को प्रमुख सचिव सुश्री निहारिका बारीक सिंह, मिशन संचालक सुश्री जयश्री जैन ने भी सम्बोधित किया।

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