‘न्यू लाईफ‘‘ के छात्र-छात्राओं द्वारा टीकाकरण पर स्वास्थ्य शिक्षा


बैकुण्ठपुरः- ‘‘न्यू लाईफ‘‘ हेल्थ एवं एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित ‘‘न्यू लाईफ‘‘ इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग में राष्ट्रीय टीकाकरण पर ‘‘न्यू लाईफ‘‘ के बी.एस.सी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष एवं प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं द्वारा जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर में स्वास्थ्य शिक्षा का आयोजन किया गया। इस स्वस्थ्य शिक्षा में लोगों को टीकाकरण सारणी एवं उसके महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इस वर्ष टीकाकरण का थीम है, ‘‘हूमेन्ली पाॅसीबल: सेविंग लाईव थ्रू इम्यूनाईजेशन‘‘ मतलब ‘‘मानवीय रूप से संभव: सभी के लिए टीकाकरण‘‘। इस थीम का मकसद टीकाकरण के महत्व को समझाना और यह दिखाना है कि टीकाकरण से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। टीकाकरण से छोटे बच्चों की मृत्युदर कम हुई है और ज्यादा से ज्यादा बच्चों का जीवन सुरक्षित है। प्रति वर्ष 10 नवंबर को टीकाकरण दिवस मनाया जाता हैे 20 वीं सदी के उत्तरार्द्ध का वैश्विक वैक्सीन अभियान, मानवता की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। संक्रमण रोगो की रोकथाम के लिए टिकाकरण सर्वाधिक प्रभावी एवं सबसे सस्ती विधी है, टीकाकरण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबुत बनाता है। भारत में टीकाकरण कार्य मुख्यतः जन्म से लेकर पाँच वर्ष के बच्चो में लगाया जाता है जैसे बी.सी.जी, ओ.पी.वी., रोटावायरस, पेंटावैलेन्ट, हैपेटायटीस-बी, डी.पी.टी. एम.आर. आदि। भारत में यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम सबसे बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों में से एक है जो कि प्रति वर्ष 2.67 करोड़ से ज्यादा नवजात शिशुओं और 2.9 करोड़ से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को लक्षित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन विभिन्न परिस्थितियों में पर्यटकोे के लिए विभिन्न टीकों की सलाह देता है। उन टीकों में डिप्थीरिया वैक्सीन, टेटनस वैक्सीन, हेपेटाइटिस ए का टीका, हेपेटाइटिस बी वैक्सीन, ओरल पोलियो वैक्सीन, टाइफाइड वैक्सीन जापानी इंसेफेलाइटीस, मेनिंगोकोकल वैक्सीन, रेबीज का टीका और येलो फीवर टीका शामिल है।
इस पूरे स्वास्थ्य शिक्षा का आयोजन सुश्री सुषमा साहू, (असिस्टेंट प्रोफेसर) के द्वारा प्राचार्या डाॅ0 अंजना सेमुएल के मागदर्शन में किया गया।

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