रायपुर, /छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के सचिव अधिवक्ता श्री नंदकुमार पटेल ने प्रदेश मे आज से लागु होने वाली राजीव गाँधी न्याय योजना के बारे बताया की छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जो किसानों को सीधे तौर बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर 5700 करोड़ की राहत प्रदान कर रहा है। कोरोना संकट के काल में किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से एक बड़ी राहत प्रदान की है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करना और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाना है। योजना का शुभारंभ स्व राजीव गांधी की जयंती पर 21 मई को किया जाएगा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपनी तरह की एक बड़ी योजना है।
जनजाति बहुल प्रदेश छत्तीसगढ़ की अधिकांश जनसंख्या वनांचलों में निवास करती है, जहां आजीविका का मुख्य साधन वनोपजों का संग्रहण है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 25 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है। तेंदूपत्ता से अपनी आजीविका चलाने वाले जनजातियों को राहत देने के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर को बढ़ा कर 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा किया गया। वहीं महुआ का समर्थन मूल्य बढ़ा कर 17 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम किया गया है। इससे जनजाति क्षेत्रों में स्वावलंबन के साथ साथ आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण भी हो रहा है।
मोर जमीन-मोर मकान के तहत 1.60 लाख परिवारों को आवास निर्माण हेतु 2 लाख 29 हजार रुपए खाते में डालने की व्यवस्था की गई है। वहीं गुमाश्ता लाइसेंस का हर साल नवीनीकरण से छूट दी गयी। मकान और फ्लैट की शुल्क 4 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया है। गरीब कन्याओं के विवाह के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की अनुदान राशि बढ़ाकर 25 हजार किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन हेतु निर्धारित दरों में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। वहीं लीज रेंट की दर 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दी गयी है।
बिलासपुर संभाग मे 4, 55, 623 कृषको को 391.82 करोड़ रूपये एवं सरदार बल्लभ भाई पटेल शक्कर कारखाना पंडरिये के 7446 कृषको को 19.33 करोड़ राशि 355 प्रति क्विंटल की दर से सहायता राशि राजीव गाँधी न्याय योजना के तहत दी जाएगी