गरीब युवा मरीज को न्याय दिलाने की मांग। डॉ. राज
शहडोल धनपुरी।एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र का एकमात्र सर्व सुविधा युक्त केंद्रीय चिकित्सालय में मरीज के इलाज के लिए मेडिकल मशीनरी जांच में उपयोग लाने वाली एक्स-रे सिटी स्कैन एवं अन्य चिकित्सकीय संसाधन बेकार और खराब अस्पताल के किसी कोने में बंद पड़े हैं। और केंद्रीय चिकित्सालय के डॉक्टर फार्मासिस्ट एवं अन्य कर्मचारी बाबू एवं क्लर्क बनकर रह गए हैं क्योंकि यहां पर चिकित्सा के नाम से सिर्फ और सिर्फ दिखावा ही रह गया है क्योंकि एसईसीएल अंतर्गत रहने वाले लोग एस ई सी एल कर्मचारियों के अलावा कोयला प्रभावित क्षेत्र के लोग अगर इलाज के लिए आते हैं तो उन्हें सुविधा के नाम पर सिर्फ बिस्तर ही मिल पाता डॉक्टर जिसे भगवान कहा जाता वह भी बाहर से आए गरीब बेबस लाचार मरीज को देखकर मुंह फेरते हुए उनके इलाज में हीला हवाली के साथ पर्ची में बाहर से दवाई लेने की सलाह दे दी जाती है जबकि आज की स्थिति में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बीपीएल श्रेणी में आने वाले गरीब तबके के लोगों को आयुष्मान योजना के अंतर्गत500000लाख तक के मुफ्त इलाज भारत के किसी भी मेडिकल कॉलेज प्राइवेट मेडिकल कॉलेज या किसी भी असाध्य रोग के इलाज के लिए निजी अस्पताल में भी मुफ्त में इलाज करने के साथ आयुष्मान के द्वारा इलाज के लिए स्वीकृत राशि सरकार के द्वारा दी जा रही है।
मामला केंद्रीय चिकित्सालय धनपुरी का जहां पर नगर परिषद बरगवांअमलाई के उपाध्यक्ष डॉ राज तिवारी के द्वारा केंद्रीय चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर दीपक पार्डेकर क्षय छाती रोग विशेषज्ञ बुढार केंद्रीय चिकित्सालय के द्वारा वहां पर आए एक मरीज के साथ किए गए अनैतिक एवं दुर्व्यवहार पूर्ण आचरण के साथ उसे मरीज के इलाज में घोर लापरवाही बरतने को लेकर सीएमडी बिलासपुर मुख्य महाप्रबंधक एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी केंद्रीय चिकित्सालय को ज्ञापन देते हुए डॉक्टर के द्वारा किए गए निंदनीय कार्य के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की है और एक गरीब मरीज के साथ किए गए लापरवाही पूर्ण चिकित्सकीय व्यवहार के लिए डॉक्टर दीपक पार्डेकर को दोषी करार दिए जाने की बात कही है।
डॉ राज तिवारी नगर परिषद उपाध्यक्ष ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि बुढार केंद्रीय चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर दीपक पदस्थ है जिनके द्वारा एक युवक मरीज जो पीलिया एवं बुखार से पीड़ित था जिसकी उम्र लगभग 25 वर्ष थी और उसका इलाज डॉक्टर दीपक पार्डेकर के द्वारा प्राथमिक उपचार सुबह से किया जा रहा था गरीब बेबस युवक के इलाज के लिए मानसिक बीमारी से ग्रस्त पिता से फीस के तौर पर 2200रुपए जमा कराए गए किंतु दो राज तिवारी के द्वारा एसईसीएल के मुख्य महाप्रबंधक से इस युवक के विषय में चर्चा करते हुए संपूर्ण जानकारी दी गई तो मुख्य महाप्रबंधक के द्वारा उसके निशुल्क चिकित्सा की जाने की बात कही गई किंतु डॉक्टर दीपक पार्डेकर के द्वारा नगर परिषद के उपाध्यक्ष जिनके द्वारा उसे युवक का सहयोग किया जा रहा था उसका इलाज न करने की बात और डॉक्टर के द्वारा यह कहा जाना की यहां रोज कितने गरीब आते मैं इसे यहां नहीं रखूंगा इसे यहां से लेकर जाओ जब इस बात की जानकारी जीएम सोहागपुर क्षेत्र को दी गई तो तत्काल आदेश करते हुए इलाज करने की बात कही गई और इस बात को लेकर डॉक्टर दीपक पार्डेकर के द्वारा अनुचित आचरण करते हुए उसे मरीज का इलाज न कर यहां तक की फीस कम करने की बात भी कही गई इस बात से डॉक्टर नाराज होकर उसे मरीज को ऑटो में बैठाकर भगा दिया गया। आता है इस आता है इस निंदनीय आचरण के लिए और इलाज के दौरान मरीज के साथ घोर अनियमितता किए जाने को लेकर डॉक्टर राज तिवारी ने ऐसे डॉक्टरों के ऊपर उचित कार्यवाही करने की मांग करते हुए दोषी व्यक्ति को दंडित किए जाने की मांग एवं ज्ञापन सौंपा है।