भोपाल : मध्यप्रदेश की सीमा में अन्य राज्यों से पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को जिलों में भोजन और परिवहन की सुविधा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने बताया कि श्रमिकों के लिये बसों की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। यदि कहीं से यह शिकायत आती है कि वाहन चालक द्वारा श्रमिकों से किराए की राशि ली जा रही है तो दोषी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा किसी भी प्रदेश के हों, उन्हें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाये। यह संकट का समय है। श्रमिक किसी भी स्थान के हों, वे भारत माँ के लाल हैं। उनसे भेदभाव का कोई सवाल नहीं उठना चाहिये। मध्यप्रदेश से प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश की सीमा तक भेजने के लिये निरंतर बसों की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रमिकों को एक राज्य में प्रवेश न देने के संबंध में कहा कि आज सभी मतभेद भुलाकर कार्य करने का वक्त है। कोरोना संकट, मानवता के लिये संकट है। इससे निपटने के लिये एकजुट होकर सभी को कार्य करना है। इस समय राजनीति या वैचारिक असहमति की बात करना बेमानी है। जो श्रमिक घर लौटना चाहते हैं उनकी व्यथा को समझते हुये उन्हें आवश्यक सुविधाएं देना सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिये मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में जरूरी प्रबंध किये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा देश के संघीय ढांचे का सम्मान करते हुये नागरिकों के हित में की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी प्रत्येक राज्य से ली है। मध्यप्रदेश में भी इंदौर, उज्जैन में केन्द्रीय टीम आ चुकी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी दूरदृष्टि रखने वाले कल्पनाशील व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने राज्यों से निरंतर संवाद किया है। उन्होंने सभी राज्यों को समान महत्व दिया है। प्रधानमंत्री ने 20 मार्च, 2 अप्रैल, 11 अप्रैल, 27 अप्रैल और 11 मई को वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। इसके अलावा प्रधानमंत्री व्यक्तिगत चर्चा के लिये भी उपलब्ध रहते हैं। उन्होंने एक-एक बिन्दु पर विस्तार से बात को समझाते हुये इस संकट में सभी का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक कदम उठाये गये हैं। लॉकडाउन चार के संदर्भ में राज्य में विचार-विमर्श जिले से लेकर राजधानी तक किया जा रहा है। सभी मंत्री अपने प्रभार के संभागों के जिलों के प्रमुख नागरिकों, प्रमुख राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों, इंजीनियर्स, चिकित्सकों,मीडिया प्रतिनिधियों आदि से चर्चा कर सुझाव प्राप्त करेंगे। राज्य स्तर पर गठित सलाहकार समिति, जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप और विभिन्न संगठनों से प्राप्त सुझाव संकलित कर केन्द्र सरकार को भेजे जायेंगे।
लॉकडाउन के स्वरूप के लिये तैयार होगा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में अनिश्चितकाल तक आर्थिक गतिविधियों को नहीं रोका जा सकता। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ ग्रीन जोन में सामान्य गतिविधियों, ऑरेंज जोन में कंटेनमेंट क्षेत्र बंद रखते हुये समय निर्धारित कर गतिविधियों की अनुमति दी जायेगी। रेड जोन में विशेष सावधानी बरतते हुये क्षेत्रवार चरणबद्ध रूप से गतिविधियों की अनुमति प्रदान की जायेगी। भारत सरकार को आगामी 15 मई को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जायेगा।