5 दिन शराब दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़े और 2 दिन कर्फ्यू समझ से परे है
रायपुर:विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सप्ताह में 2 दिन के कर्फ्यू लगाने के राज्य सरकार के औचित्य पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के कायदों की धज्जियां तो शराब दुकान खुलने के बाद से ही उड़ गई है। यहा तो कोरोना संक्रमण को बाकायदा निमंत्रण दिया जा रहा है। ऐसे में कर्फ्यू लगाने से क्या फर्क पड़ेगा समझ से परे है।
बृजमोहन ने कहा कि सरकार अब सभी छोटे व्यापारियों की सुध ले। उन्हें भी अपना परिवार चलाना है। 50 दिनों से उनकी दुकाने बंद है।आर्थिक तंगी से वे जूझ रहे हैं। ठेले-खोमचे वालों की भी कुछ ऐसी ही दशा है। उन्हें भी अपनी दुकाने -व्यापार प्रारंभ करने की अनुमति तत्काल दे दी जानी चाहिए। बृजमोहन ने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार चाहे तो विभिन्न व्यवसायों को तीन भागों में विभक्त कर दें और सभी के खुलने का अलग-अलग 4-4 घंटा समय निर्धारित कर दे। ताकि लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद सके।
बृजमोहन ने कहा कि वैसे भी राज्य में शराब दुकान खोले जाने के बाद से जनता का अब सरकार से भरोसा उठ गया है। कोरोना संक्रमण को लेकर वह अपनी सुरक्षा के लिए पहले से ज्यादा सतर्क है। राज्य सरकार का यह 2 दिनी कर्फ्यू का निर्णय उनकी अपनी मौजूदगी बताने का ही प्रयास प्रतीत होता है न कि कोरोना से लड़ने की उनकी इच्छाशक्ति को दर्शाता है।