शहडोल। (ब्रजेन्द्र मिश्रा)मध्यप्रदेश में इस वर्ष के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं भारतीय जनता पार्टी सत्ता बचाने को बेकरार है, तो कांग्रेस ने सत्ता पर काबिज होने पूरी ताकत लगा दी है अब आगामी विधानसभा चुनाव में नौकर साथ ही विधानसभा की सीढ़ी चढ़ने के सपने देख रहे हैं ऐसे चेहरे या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर अभी नौकरी कर रहे हैं। चुनाव में उतरने जा रहे इन नौकरशाहों की अलग अलग रणनीति है कुछ पद पर रहते हुए राजनीतिक दलों से सादे गए संपर्क के माध्यम से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की कवायद में जुटे हैं तो कुछ जातिगत और सामाजिक संगठनों की गतिविधियों में क्षत्रिय होकर टिकट मांगने का आधार तैयार कर रहे हैं। पहले भी मध्य प्रदेश की राजनीति में ब्यूरोक्रेट्स चुनाव लड़कर विधायक मंत्री बन चुके हैं कुछ अभी भी सक्रिय हैं।
डीपीसी रहे, राजनीति के लिए तैयार
अनूपपुर जिले के सेमरा के रहने वाले मदन त्रिपाठी जिला शिक्षा केंद्र के शहडोल जिला समन्वयक रह चुके हैं और अभी अनूपपुर जिले में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। सामाजिक रूप से लोगों से जुड़े हैं और उनके लिए सामाजिक स्तर पर काम भी कर रहे हैं इसके अलावा खेलकूद की गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और शैक्षणिक क्षेत्र में भी लोगों का उत्साह वर्धन करते हैं उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है। शहडोल संभाग के एकमात्र अनारक्षित सीट कोतमा विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा की तैयारी में जुट चुके हैं। त्रिपाठी का कहना है कि यदि मुझे भारतीय जनता पार्टी टिकट प्रदान करती है तो मैं जनता जनार्दन की सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार हूं।
कांग्रेस से चुनाव लड़ सकते हैं चौहान
अनूपपुर जिले में पशु एवं चिकित्सा विभाग के उपसंचालक के पद पर पदस्थ रह चुके सेवानिवृत्त डीपीएस चौहान भी कोतमा विधानसभा सीट से विधायक बनने के लिए पूरे विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं वह पूर्व में जनपद पंचायत कोतमा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रह चुके हैं और उनकी पत्नी दो कार्यकाल नगर पालिका परिषद बिजुरी की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने टिकट के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल से चर्चा भी की है।
प्रबल दावेदार हो सकते हैं जितेंद्र
अनूपपुर जिले के जैतहरी के रहने वाले जितेंद्र सिंह वर्तमान में शहडोल जिले में सहायक संचालक मत्स्य विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कोतमा विधानसभा क्षेत्र में उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय रही है और उनके परिवार के स्वर्गीय शंकर सिंह चंदेल का प्रभाव विधानसभा क्षेत्र के 40 ग्रामों में है। उनके बड़े भाई भूपेंद्र सिंह पिछले जिला पंचायत के चुनाव में जब जिला पंचायत सदस्य पर निर्वाचित हुए थे तब उनके क्षेत्र में 13 ग्राम पंचायत कोतमा विधानसभा क्षेत्र की रही है और वहां से वह 2500 से 3000 वोट अर्जित किए थे। जितेंद्र सिंह सामाजिक खेलकूद एवं धार्मिक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं और गरीब, दीन हीन एवं अंतिम छोर में बसे व्यक्तियों के उत्थान के लिए हमेशा ही आगे रहते हैं। शासकीय नौकरी में पदस्थ रहते हुए भी जितेंद्र सिंह हमेशा आसपास के क्षेत्र में कोई भी कार्यक्रम हो उसमें बढ़-चढ़कर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं और शासन के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु सदैव तत्पर रहते रहे। यदि इन्हें भारतीय जनता पार्टी कोतमा विधानसभा क्षेत्र से टिकट प्रदाय करती है तो यह प्रबल दावेदार के रूप में उभर कर सामने आ सकते हैं।
कांग्रेस से चुनाव लड़ सकते हैं, पत्नी है जिला पंचायत अध्यक्ष
प्रदेश के शहडोल जिले सहित अन्य जिलों में डिप्टी कलेक्टर रह चुके रमेश सिंह कांग्रेस में शामिल होकर वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी जिला पंचायत अनूपपुर की अध्यक्ष हैं। वर्ष 2018 में भी रमेश सिंह अनूपपुर जिले के अनूपपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के प्रबल दावेदार रहे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाई थी 2023 में वे अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए प्रबल दावेदार हैं और वह बीते कई वर्षों से पूरे अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं और इन्हें प्रशासनिक अनुभव भी है जिसके कारण में लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
अनुविभागीय अधिकारी पद से रिटायर द्विवेदी भी कतार में
अनूपपुर जिले के कोतमा विकासखंड में अनुविभागीय अधिकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पद से सेवानिवृत्त हो चुके सुधाकर प्रसाद द्विवेदी भी संभाग की एकमात्र अनारक्षित सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के फिराक में हैं। सेवानिवृत्त होने के उपरांत सामाजिक क्षेत्र में द्विवेदी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और विधानसभा की तैयारी में हैं।
नौकरी छोड़ लड़ेंगे चुनाव, जैसे ही बीजेपी से टिकट मिलेगा इस्तीफा दे देंगे: त्रिपाठी
शहडोल जिले सहित अनूपपुर जिले के अनेक नगर पालिका में मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ रह चुके रवि करण त्रिपाठी भी कोतमा विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद का चुनाव लड़ने की तैयारी में है। त्रिपाठी संघ से भी जुड़े हुए हैं और ऐसा मानना है कि यदि उन्हें बीजेपी से टिकट मिलेगा तो वह नौकरी से इस्तीफा दे देंगे और विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
कॉन्ग्रेस अप्रोच कर चुकी है, बाला भी तैयार
बाला सिंह टेकाम उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं और वह पूर्व में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर रह चुके हैं और वर्तमान में वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे वर्ष 2018 में भी कांग्रेस पार्टी से मानपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रबल दावेदार थे लेकिन कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2018 में डॉक्टर ध्यान सिंह को टिकट प्रदान की थी। वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मानपुर विधानसभा क्षेत्र से रिटायर्ड ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बाला सिंह टेकाम कांग्रेस पार्टी से प्रबल दावेदार हैं।