प्रधानमंत्री मोदी के बेहद करीबियों में से एक विधायक बृजमोहन अग्रवाल को लॉक डाउन के नियम शिथिल उन्ही को पत्र लिखकर करवाना चाहिये
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश के लिये मांगे गये 30 हजार करोड़ की राशि को केंद्र सरकार से दिलवाये
रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर प्रदेश के छात्र-छात्रा जो कोटा राजस्थान एवं अन्य जगहो में कोरोना COVID 19 महामारी के लॉक डाउन के कारण फंसे हैं उन्हें प्रदेश वापस आने की अनुमति देने हेतु पत्र लिखा है कोरोना COVID 19 महामारी जो कि पूरे विश्व में फैली हुई है और गत एक माह से अधिक समय से देश और प्रदेश के नागरिक केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार के आदेश अनुसार अपने-अपने घरों में रहकर लॉक डाउन के नियमो का कड़ाई से पालन कर रहे है।जैसे कि खुद भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल अपने बंगले में लॉक डाउन है कहि भी आना-जाना नही कर रहे है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर केवल बयानवीर बनने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं जबकि कोरोना COVID 19 महामारी के संक्रमण को फैलने के लिए उसे नियंत्रण में रखने के लिए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्ल्यूएचओ) और भारत सरकार ने कड़े निर्देश जारी किया है कि कोरोना संक्रमण को रोकने का एकमात्र और सटीक उपाय लोगो को अपने घरों में रहना है जिसके लिये धारा 144 और कर्फ्यू तक का सहारा लिया गया जिसके कारण लोग एक दूसरे के संपर्क में ना आएं पूरे प्रदेश के सटे राज्यो के बॉर्डर को सील कर दिया गया है ताकि एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में लोगों की आवाजाही ना हो सके और कोरोना COVID 19 का संक्रमण छत्तीसगढ़ राज्य में न फैल सके जिसमे काफी हद तक सफलता भी मिली है। विदित है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं उनके मंत्रिमंडल के टीम दिन रात मेहनत कर कोरोना महामारी को छत्तीसगढ़ राज्य में फैलने से रोकने में लगभग सफल साबित हुई है और भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए ग्रीन और रेड जोन जिलों में छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक जिले ग्रीन जोन घोषित किये गये हैं।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि कोटा राजस्थान में फंसे प्रदेश के छात्र छात्राओं के स्थिति की जानकारी लेने हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन में बात की थी और उन्हें कहा था कि प्रदेश के इन बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाए और जब केंद्र सरकार लॉक डाउन के नियमों को शिथिल करेगी तो इन्हें तत्काल प्रभाव से प्रदेश वापस बुलवा लिया जाएगा।लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ के रास्ते मे पड़ने वाले मध्यप्रदेश राज्य का इंदौर जिला कोरोना महामारी से बुरीतरह से प्रभावित है इसे भारत का वुहान तक कहा गया है जो रेड जोन में आता है वहाँ से गुजरकर आना छात्र-छात्राओं के जान को संकट में डालना है यह बात भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल बहुत अच्छे से जानते है फिर भी बयान जारी कर केवल सुर्खियों में बने रहना चाह रहे है।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश के लगभग सत्तर हजार मजदूरो को चिन्हांकित कर जो उत्तर प्रदेश कर्नाटक,राजस्थान,जम्मू-कश्मीर,महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में फंसे हुए हैं उन्हें तत्काल खाद्य सामग्री और रहने-खाने की व्यवस्था इन प्रदेश सरकारों के साथ मिलकर की गई है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सभी को एक हाजर रु देने की सलाह दी है उस पर प्रवक्ता विकास ने कहा कि इसके पूर्व में भी कांग्रेस पार्टी द्वारा बयान जारी करके पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जो कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी हैं जिस प्रकार पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी करीबी हैं उन्हें तत्काल पीएम केयर फंड से प्रदेश के जो मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं उन्हें दस-दस हाजर रु तत्काल देने की मांग की गई थी जो कि उनके जनधन के खाते में हस्तांतरित करने का निवेदन भी किया गया है। बावजूद किसी कार्य को पूर्णरूप से और संजीदगी से संपादित किये बिना और केवल और केवल मोदी सरकार की विफलता को छुपाने के लिए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर बयानवीर बन रहे है,अगर उन्हें प्रदेश के मजदूर और उन छात्र-छात्रों की तनिक भी चिंता होती तो गत एक महीने से कोरोना COVID 19 महामारी के कारण फसे छात्र-छात्राओं और मजदूरों को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष अनुमति लेकर सभी को राज्य में अपने घरों में पहुंचाने का प्रयास कर सकते थे लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि इस कठिन समय में भी भाजपा के पूर्व मंत्री बृजमोहन केवल बयानवीर वाली राजनीति कर रहे है अगर वह संजीदा है तो तत्काल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पत्र द्वारा राज्य के लिये मांगे गये तीस हजार करोड़ की राशि को तत्काल मोदी सरकार से कहकर आबंटित करवाये।