रायपुर, व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी ने सरकार से ऑन लाइन चालू करने का विरोध करते हुए कहा की ऑनलाइन व्यापार को के आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए सरकार ने ऑनलाइन व्यापार को जो छूट दी गई है वह लघु उद्योग छोटे कारीगरों एवं देश के शहर से लेकर गांव तक बसने वाले व्यापारीयो के साथ धोखा है अभी वर्तमान में पूरे देश में गर्मी अपना रंग दिखा रही है देश के छोटे और मध्यम परिवारों को लिए कूलर इस गर्मी में बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है और इसकी तैयारी के लिए पूरे देश में छोटे-छोटे लघु उद्योग कूलर का निर्माण करते हैं जोकि छोटे उद्योग एवं छोटे व्यापारी हाथ से बनाने वाले कारीगरों को पैसा देकर यह माल तैयार करते हैं और यह तैयारी दिसंबर से शुरू हो जाती है इसकी बिक्री मार्च से जून के बीच होती है उन्हें बेचने की अनुमति ना देकर केंद्र अमेजॉन फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे ऑनलाइन कारोबारियों को छूट देकर टीवी फ्रिज कूलर जैसी चीजें ऑनलाइन बेचने के लिए तैयार कर रहा है जो कि पूरे देश के साथ छोटे उद्योगों कारीगरों और छोटे व्यापारियों के साथ सरासर अन्याय पूर्ण कार्यवाही है सरकार को अगर छूट देनी है तो अरबों खरबों रुपया जो छोटे लघु उद्योगों और व्यापारियों का फंसा है उन्हें यह सामान बेचने की अनुमति देकर उन्हें अनुग्रहित करना चाहिए जिससे लाखों लाखों कारीगर को इससे रोजगार मिलेगा इन परिस्थितियों में सरकार को यह आदेश छोटे कारीगरों लघु उद्योगों और छोटे व्यापारियों के हित में वापस लेना चाहिए राजेंद्र जग्गी कहा सरकार ने गलत निर्णय लिया,जहां एक ओर हमारे व्यापारियों की दुकानें बंद है वही ऑनलाइन बिज़नेस को पूरी छूट दी गयी है
द्वारा वर्तमान परिस्थितियों में सरकार के द्वारा ऑनलाइन व्यापार के पक्ष में लिया गए निर्णय वापस लेना चाहिए हमारे छोटे उद्योग कारीगर वा व्यापारियों की दुकानें पूर्णता बंद है वही बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि देश हित कार्यो के रूप रेखा बनाने वाले नेता,अधिकारी को सभी छोटे बड़े उद्योग, कारीगरों व्यपारी, दुकानदार एवं उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों के हित मे सोचना चाहिये।
हमारे देश के व्यापारियों की दुकानें बन्द है जिससे उनका व्यापार चौपट होने की स्थिति में है ऐसे समय में ऑनलाइन कारोबार को अनुमति नहीं देनी है बल्कि सभी को देनी चाहिए थी । यह कदम ना जाने कितने व्यापारियों को तोड़ कर रख देगा ।
इन्ही छोटे छोटे उद्योगों मजदूरों एवं व्यापारियों ने दुख की घड़ी में सरकार को साथ दिया जबकि इन बड़ी ऑन लाईन कंपनी का कोई भी योगदान नही किया।