रायपुर,धरसींवा जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे ने कलेक्टर रायपुर को पत्र लिखकर मांग किया कि कोरोना वाइरस के चलते छत्तीसगढ़ में करीब 40 दिन लाकडाउन होने कारण धरसींवा विकासखंड के मजदूर वर्ग के सामने रोजी रोटी की समस्या विकराल हो गई है जो स्थानीय उद्योगों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते है। धरसींवा विकासखण्ड में छोटे, बड़े मिलाकर करीब 300 उद्योग स्थापित है इनमे से करीब100 उद्योग सीएसआर फंड फंड के दायरे में आते होंगे । सीएसआर फंड ऐसे फंड होते है जो उद्योगों का टोटल इनकम पर 2% राशि सामाजिक उत्तर दायित्व के तहत कलेक्टर के निर्देश पर खर्च करना होता है वित्तीय वर्ष 2019,2020 की राशि को धरसींवा विकासखंड के गावो के गरीब मजदूर नागरिको को रोजमर्रा के आवश्यक सामग्री एवम राशन उपलब्ध कराने में खर्च किये जाने की मांग की है। पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र बंजारे ने कलेक्टर को लिखे पत्र में आगे कहा कि धरसींवा विकासखंड में स्थापित उद्योग का सीएसआर फंड को शहरो में खर्च कर दिया जाता है जिस पर आपत्ति जताते हुए श्री बंजारे ने कहा कि उद्योगों के काले धुंए की परत गाव के तालाबो, स्कुलो एवम घर के छानी, छतो में स्पस्ट रूप से दिखाई देती है, उद्योगों का धूल धक्के हम गाव वाले को झेलना पड़ता है इस काले धुंए के कारण दमा, खासी उल्टी दस्त सहित कई जल जनित बीमारी गाव वाले को विरासत में मिली है ऐसे में हमारी जमीन पर बनी उद्योगों का सीएसआर फंड की राशि का पहला हक हम गाव वालो का है न कि शहर के सौदर्यीकरण में खर्च करने का है। पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र बंजारे ने केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उद्योगों से मिलने वाली सीएसआर की राशि को पीएम केयर फंड में जमा करने का प्रावधान किया है जो किसी सुरत में जहाँ उद्योग स्थापित गाव के साथ न्याय एवम उचित नही है। इस राशि का पहला हक जहा उद्योग स्थापित एवम आसपास के दायरे में आने वाले गाव है जिसे मूलभूत सुविधा देना होता है। लेकिन इस राशि का लगातार दुरुपयोग हुआ है ऐसे में इस राशि को स्थानीय मजदूरों, ग्रामीणों को आवश्यक राशन सामग्री उपलब्ध कराने कलेक्टर रायपुर को आग्रह किया है।