स्वच्छ भारत मिशन, महात्मा गांधी नरेगा योजना समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर हुई विस्तृत चर्चा
नया रायपुर 09 दिसंबर 2021 : आज मंत्रालय (महानदी भवन) में पंचायती एवं ग्रामीण विकास विभाग की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। पंचायत मंत्री श्री टी एस सिंहदेव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे। इस बैठक की शुरुआत में पंचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने जिला पंचायतों की समीक्षा करते की, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के विषय पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्वीकृत एवं प्रगतिशील कार्यों का विवरण दिया गया। जिला पंचायतों में New Household Laterine अंतर्गत शौचालय निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया गया कि कुल 1,46,365 के निर्धारित लक्ष्य में 1,00,084 कार्यों को स्वीकृति प्राप्त हुई है, वहीं 25,032 निर्माण कार्य पूर्ण होने के साथ ही 36,142 कार्य निर्माणाधीन हैं।
इसके उपरांत ठोस एवं तरल प्रबंधन अंतर्गत अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया गया कि इस कार्य मे कुल 4,863 रखा गया है, इस विषय पर पंचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने विकासकार्यों की जिलेवार समीक्षा कर मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया। सुजलाम अभियान अंतर्गत अद्यतन प्रगति की समीक्षा में बताया गया कि लक्षित कुल 167015 सोक पिट में 97164 को स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिसमें 29953 कार्य पूर्ण एवं 34050 निर्माणाधीन हैं। इन कार्यों को तीव्रता से पूरा करने की दिशा में पँचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने अधिकारियों को निर्देशित किया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने गोबरधन योजना अंतर्गत अद्यतन प्रगति की समीक्षा के दौरान बायोगैस प्लांट के लिए जगह सुनिश्चित करने एवं इनके निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के लिये दिशा-निर्देश प्रदान किये। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण एवं उपयोग के विषय में चर्चा करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि इस संबंध में विभाग ने 6031 का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें 3275 कार्य पूरे हो चुके हैं हम सभी को मिलकर सामुदायिक शौचालयों के निर्माण एवं उनके उपयोग के लिए जागरूकता की दिशा में निरंतर कार्य करना है, जिससे कि जिला पंचायतों में पूर्णतः खुले में शौच मुक्त वातावरण निर्माण किया जा सके। पंचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने ओ.डी.एफ. प्लस के घटक में स्थायित्व (सभी घरों एवं संस्थाओं में शौचालयों की उपलब्धता एवं उपयोग), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (कम से कम 80 प्रतिशत घरों एवं संस्थाओं में ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन), तरल अपशिष्ट प्रबंधन (कम से कम 80 प्रतिशत घरों एवं संस्थाओं में तरल अपशिष्ट का प्रबंधन), गांव की प्रगट साफ-सफाई (गांव के कम से कम 80 प्रतिशत स्थानों पर गंदे पानी एवं कचरा दिखाई ना देवे, गांव देखने में साफ-सुथरा दिखाई देवे) के विषय पर जिलेवार सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से चर्चा की एवं उनके सुझाव प्राप्त कर ओडीएफ प्लस की स्टार रेटिंग (उदीयमान, उज्जवल, उत्कृष्ट) के विषय में चर्चा कर इस दिशा में आगे कार्य करने पर बल दिया।
इसके साथ ही पंचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने गाम स्तर पर आईईसी हेतु सुझावात्मक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए घर-घर संपर्क कर ओ.डी.एफ. प्लस के संबंध में जागरूक करने, सामुहिक बैठक का आयोजन कर स्वच्छता के विभिन्न घटको पर चर्चा करने, ग्राम स्तर पर बच्चों के छोवाटोली का निर्माण कर स्वच्छता पर गांव में जागरूकता फैलाने, विशेष अवसर पर स्कूली बच्चों के माध्यम से स्वच्छता जागरूकता रैली निकालने, ग्राम सभा में स्थायी एजेन्डा के रूप में ओ.डी.एफ. प्लस घटकों पर चर्चा करने, रात्रि चौपाल का आयोजन कर शौचालय उपयोग, रख-रखाव एवं ठोस अपशिष्ट हेतु घरोई स्तर पर गीला एवं सुखा कचरा को अलग अलग करने पर लोगों को जागरूक करने, स्वच्छाग्रहीयों समूहों को ओ.डी.एफ. प्लस के सभी घटकों पर क्षमता वर्धन करने एवं गांव में प्रमुख स्थलों पर दीवार लेखन / पेंटिंग / बोर्ड के माध्यम से 5 प्रकार के ओ. डी. एफ. प्लस के आई.ई.सी. संदेश का प्रदर्शन करने के संबंध में अपने सुझाव रखे।
इस बैठक के उपरांत पंचायत विभाग से जुड़े विषयों पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने 14वें वित्त अंतर्गत वर्ष 2020-21 में प्राप्त आबंटन का जिला पंचायत / जनपद पंचायत / ग्राम पंचायत द्वारा किये गये व्यय की समीक्षा की, जिसमें लंबित राशि व्यय करने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित 31 मार्च 2022 तक इस समय सीमा के भीतर ही विकास कार्यों को पूरा करने के विषय में अपनी बात कही एवं जिलों को आवंटित और व्यय राशि की समीक्षा की। पंचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने ग्राम पंचायतों में सरपंच एवं सचिवों के डिजीटल हस्ताक्षर से भुगतान नहीं करने वाले ग्राम पंचायतों, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण की कार्ययोजना, महालेखाकार एवं राज्य संपरीक्षा विभाग के लंबित अंकेक्षण आपत्तियों के निराकरण पर समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा करने के साथ ही इन सभी मामलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली जिलों की सराहना करते हुए जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के अनुभवों को अन्य जिलों के साथ साझा करने को कहा जिससे कि अन्य जिलों में भी समान रूप से प्रगति दिखाई दे एवं वहाँ विकास कार्य तीज गति से आगे बढ़ पाए।
पंचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने इसके उपरांत सांसद आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा की, जिसमें (2014-19) के चरण 1 से 3 तक चयनित ग्रामों की ग्राम विकास योजना में कुल चयनित ग्राम 44, व्हीडीपी निर्मित 43 (43 VDP में कुल सम्मिलित कार्य-3278, पूर्ण-2874, प्रगतिरत – 51, अप्रारंभ-364) और 51 अपूर्ण कार्यों की समीक्षा कर उनकी जिलेवार जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही जिसमें (2019-24) के चरण 4 से 6 तक चयनित ग्रामों की ग्राम विकास योजना, ग्रामों हेतु उपलब्ध कराई गई एकमुश्त राशि ₹50 हजार की उपयोगिता एवं व्यय पत्रक समेत योजना के तहत ऑनलाइन पोर्टल एवं ग्रामों की डायनमिक रेंकिंग की भी विस्तृत समीक्षा की।
महात्मा गांधी नरेगा योजना की जिलेवार समीक्षा कर पंचायत मंत्री सिंहदेव ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
पंचायत मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने महात्मा गांधी नरेगा योजना की स्थिति के संबंध में विभागीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की, जिसमें मानव दिवस सृजन माह नवंबर, 2021 तक लक्ष्य के विरुद्ध राज्य का औसत 92% एवं मार्च 2021 में 61% रहा है। नरेगा अंतर्गत महिलाओं की भागीदारी 50% (रायपुर 57% राजनांदगांव 59%, बालोद 59%, दुर्ग 63%) रही है, इसके साथ ही एफआरए 100 दिवस में राज्य का औसत 11%, प्रति परिवार औसत मानव दिवस 35%, रिजेक्टेड ट्रान्जेक्शन्स कुल 30,81,08 रहे जिसमें सर्वाधिक बलौदाबाजार 48811 एवं सबसे कम बीजापुर 108 रहे हैं। पंचायत मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने इन रिजेक्टेड ट्रांसक्शन में सुधार करने के लिए एकाउंट डिटेल्स पुनः मिलाकर एवं आधार कार्ड से लिंक समेत सभी व्यवस्था देखकर रिजेक्टेड
ट्रांसक्शन कम करने के लिये निर्देशित किया। इसके उपरांत उन्होंने नरवा अंतर्गत 304 अप्रारंभ कार्यों और 315 अप्रारंभ गोठानों को जल्द प्रारंभ करने के लिए निर्देश दिए। 231 अप्रारंभ चारागाह निर्माण के विषय में उन्होंने स्थान चिन्हांकित कर आगे कार्य करने के लिये सुझाव रखे एवं भूमिगत डाइक निर्माण, आंगनवाडी भवन की भौतिक प्रगति की जिलेवार समीक्षा की, इसके साथ ही प्रोजेक्ट उन्नति पर सभी अधिकारियों को जन-जागरूकता की दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने जिलों में दी जा रही ट्रेनिंग की जानकारी प्राप्त करके कहा कि हमें ट्रेनिंग के उपरांत भी लाभार्थियों के संबंध में जानकारी रखनी है, जिससे ही वे ट्रेनिंग का उपयोग कर जीविका अर्जित करने में इन स्किल का इस्तेमाल कर पायें।