केंद्र सरकार के पूरे सहयोग के बावजूद छतीसगढ़ में मनरेगा की रफ्तार धीमी क्यों?:भाजपा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में मनरेगा योजना के कामों की धीमी रफ़्तार ने प्रदेश सरकार के उन दावों की धज्जियाँ उड़ा दी है, जिनका ढोल पीटकर पिछले साल से प्रदेश सरकार डींगें हाँक रही है। श्री शर्मा ने कहा कि ज़मीनी सच्चाई यह है कि वर्ष 2019-20 के वे काम तक अधूरे पड़े हैं, जो मनरेगा के तहत शुरू हुए हैं।
प्रदेश सरकार विश्व मे निष्क्रियता का एक आदर्श प्रस्तुत कर रही है न वो विकास के काम करवा पा रही है न नए काम शुरू हो रहे है,नए पुराने प्रोजेक्ट पूरे हो रहे है ऐसे में मनरेगा में केंद्र से पूरी मदद मिलने के बावजूद रफ्तार का धीमा होना न सिर्फ सरकार की निष्क्रियता बताता है बल्कि उसके विकास विरोधी होने का प्रमाण भी देता है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की वार्षिक समीक्षा बैठक में सामने आए तथ्यों का हवाला देते हुए श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार रोज़गार देने और प्रदेश में बेरोज़गारी की दर घट जाने के दावे तो बड़े-बड़े करती है, लेकिन इन दावों की असलियत यही है कि पढ़े-लिखे बेरोजगार और चयनित अभ्यर्थियों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है, और अब मनरेगा को लेकर प्रदेश सरकार के दावों की पोल खुल गई है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में ठप पड़े विकास के काम प्रदेश सरकार के ‘थोथा चना, बाजै घना’ के राजनीतिक चरित्र को रेखांकित करने के लिए पर्याप्त है।

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