रायपुर : मुख्यमंत्री की कुर्सी की दौड़ को लेकर कांग्रेस के अन्दर की लड़ाई अब सड़क पर आ गई है. यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि कांग्रेस के विधायक ब्रहस्पति सिंह ने लगाया है. एक टीवी चैनल पर उन्होंने साफ़ तौर पर कहा की उनके काफिले पर हमला मुख्यमंत्री के समर्थन में उनके द्वारा दिया गया बयान के कारण हुआ है. संयोग से उस गाड़ी में मैं नहीं था अगर मैं होता तो मेरे ऊपर गोली भी चलायी जा सकती थी।
बताया जा रहा हैं कि शनिवार को जब विधायक बृहस्पति सिंह का काफिला बंगाली चौक, संजय पार्क से गुजर रहा था तो उसी दौरान विधायक की गाड़ी के ठीक पीछे चल रही कार को कुछ युवकों ने रोका और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया। विधायक ने घटना के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक को जिम्मेदार बताया है।
सत्ता के संघर्ष में कानून व्यवस्था ठप्प:भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के राजधानी रायपुर के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने बलरामपुर के कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के वाहन पर हमले व आरक्षक से मारपीट की घटना और इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे की गिरफ़्तारी को मंत्रियों का गैंगवार निरुपित किया है। सुंदरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री सिंहदेव के बीच चल रहे सत्ता-संघर्ष में जब कांग्रेस के विधायक तक सुरक्षित नहीं रह गए हैं, तो जनता का हाल समझा जा सकता है. सुंदरानी ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि क्या इसके बाद भी क़ानून-व्यवस्था को लेकर वह उदासीन बनी रहेगी?
बातादें प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है और मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेश बघेल को ताज मिला है तभी से ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाये जाने की बात सामने आ रही है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार प्रथम चरण में ढाई साल भूपेश बघेल और द्वितीय चरण में बचे ढाई साल टी.एस. सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना था. हालांकि कांग्रेस हाईकमान की ओर से कभी भी ऐसी गाइड लाइन नहीं दी गई थी और इसे अफवाह ही बताया जाता रहा है. इधत कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के आरोप के बाद तो यह बात साफ हो गई हैं ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनने के फंडे के कारण छतीसगढ़ कांग्रेस में खटपट पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं।