रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने कोरोना संक्रमण की रफ़्तार अक्टूबर-नवंबर में फिर बढ़ने की आशंकाओं के मद्देनज़र प्रदेश सरकार की आधी-अधूरी तैयारियों पर जमकर निशाना साधा है। श्री सिंहदेव ने कहा कि एक तरफ़ छत्तीसगढ़ से लगे राज्यों में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा समेत बिलासपुर, संभाग के जांजगीर-चाँपा ज़िलों में कोरोना संक्रमितों संख्या में कमी नहीं आ रही है, साथ ही राजधानी रायपुर में भी मरीज़ बढ़ रहे है सिंहदेव ने कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार की उदासीनता को घातक बताते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में ज़रूरी सुधार और प्रदेश की सीमाओं पर जाँच आदि के चौकस इंतज़ाम करने पर ज़ोर दिया है।
सिंहदेव ने कोरोना के संभावित प्रसार का अनुमान लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल कमेटी को प्रमुख की कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंकाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को तमाम सियासी नौटंकियों से बाज आकर कोरोना की रोकथाम की चिंता और उसके लिए पूरे पुख़्ता इंतज़ाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सिंहदेव ने कहा कि महाराष्ट्र, ओड़िशा और आंध्रप्रदेश-तेलंगाना में कोरोना के बढ़ते मामले इसलिए भी अधिक चिंताजनक हैं क्योंकि ये राज्य या तो छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे हुए हैं, या पिर उन राज्यों के प्रमुख शहरों से राजधानी व प्रदेश के नगरों का संपर्क ज़्यादा है। कोरोना की रोकथाम को लेकर प्रदेश सरकार के दावों को कोरी हवाई क़िलेबाजी बताते हुए श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश में एक ओर सरकारी अस्पताल ज़रूरी सुविधाओं के मोहताज हैं जबकि दूसरी ओर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पताल के लिए अनुदान बाँटने के लिए लालायित नज़र आ रही है।
सिंहदेव ने कहा कि एक तरफ़ केंद्र सरकार ने कोरोना से मुक़ाबले के लिए इमरजेंसी हेल्थ पैकेज के तहत 23,123 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, वहीं प्रदेश सरकार अपने आर्थिक संसाधनों को कोरोना की रोकथाम के उपायों में लगाने के बजाय अपने सियासी समीकरणों को साधने निगम-मंडलों के अध्यक्षों को कैबिनेट व राज्यमंत्री का दर्जा देने और अनुदान बाँटने में लुटा रही है। श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश के प्राय: सभी ज़िलों में उन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं का टोटा है, जिनके भरोसे प्रदेस सरकार कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की शेखी बघार रही है। आधी-अधूरी तैयारियों के चलते प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण के भयावह मंज़र पर क़ाबू पाने में कितनी क़ामयाब होगी, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है। श्री सिंहदेव ने कहा कि इन स्वास्थ्य केंद्रों में बेड, पीडियाट्रिशियन, ऑक्सीज़न, वेंटीलेटर, पर्याप्त स्टाफ आदि की कमी अब भी बनी हुई है, जबकि राज्य सरकार की लापरवाही से तीसरी लहर कभी भी आ सकती है एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने का रोड मैप तैयार कर साझा किया है छतीसगढ़ सरकार शायद बहानो और केंद्र पर आरोप प्रत्यारोप का रोड मैप तैयार करने में लगी है इसीलिए अब तक कोई पहल नज़र नहीं आ रही।
सिंहदेव ने कहा कि सरकारी बंदोबस्त का आलम यह है कि बच्चों में संक्रमण के ख़तरे को लेकर जो कांग्रेस देशभर में हंगामा कर रही है, उसी कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने उसके मद्देनज़र भी कोई पर्याप्त और पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किए हैं। प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के स्वास्थ्य केंद्रों में जानकार तकनीकी कर्मचारियों के नहीं होने से ज़रूरी सुविधाओं से मरीज वंचित रह जाते हैं। सिंहदेव ने प्रदेश सरकार से प्रदेश की सीमाओं पर जाँच आदि के चौकस इंतज़ाम, प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में ज़रूरी स्वास्थ्य सुविधाएँ व उपकरण जुटाने और प्रदेश के आर्थिक संसाधनों का लोगों को सुरक्षित रखने के कामों में उपयोग करने कहा है।