बिहार और असम चुनावो में कांग्रेस को हराने पर मुख्यमंत्री को अब यूपी प्रभार मांगने की नौबत आई : भाजपा

vishnu dev sai
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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा से मिलकर अब उत्तरप्रदेश का प्रभार ‘मांगा’ है, जबकि इससे पहले मुख्यमंत्री बघेल को पहले बिहार और फिर असम का प्रभार दिया गया था। उनके नेतृत्व में दोनों राज्यों में कांग्रेस की जो फ़ज़ीहत हुई है, वह सबके सामने है। इन दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री बघेल के न तो झूठ का क़ारोबार चल पाया और न ही प्रदेश के तमाम संसाधन झोंकने के बाद भी वे कांग्रेस को क़रारी शिक़स्त से बचा पाए।

साय ने कहा कि मुख्यमंत्री के बड़बेलेपन और ख़राब ट्रैक-रिकॉर्ड को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने तो उन्हें और कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी है, इसलिए मुख्यमंत्री बघेल ने ख़ुद ही ज़िम्मेदारी ‘मांग’ ली है। यह हैरत की बात ही है कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर गाहे-बगाहे तंज कसने वाले मुख्यमंत्री बघेल को एक तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुलाक़ात का वक़्त तक नहीं दिया और दूसरे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा से अपने लिए नई ज़िम्मेदारी ‘मांगनी’ पड़ रही है।

साय ने कहा कि इस पूरी सियासी क़वायद का लब्बोलुआब यही है कि मुख्यमंत्री बघेल का मन छत्तीसगढ़ में लगता नहीं है और उनको यह लगता है कि वे बाहर-बाहर घूमकर जैसे-तैसे अपना कार्यकाल पूरा कर लें। प्रदेश के प्रति तो उन्होंने कभी कोई ज़िम्मेदारी का परिचय दिया नहीं है।

साय ने याद दिलाया कि पिछली बार जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पीक पर थी, तब भी वे प्रदेश की फ़िक्र छोड़कर असम के चुनाव में झूठ का रायता फैलाने में मशगूल थे, नक्सलियों के बारुदी हमले में जब पुलिस के जवानों की शहादत ने प्रदेश को झकझोर दिया था, तब वे असम में अपने सहयोगियों के साथ डिनर में तल्लीन थे।

छतीसगढ़ में लोगो की लाशें जलाने जगह नही बची थी औऱ वो असम में नृत्य कर रहे थे अब अगर उन्हें फिर प्रभार मांग कर यूपी जाना है तो वह अपना दायित्व किसी को देकर जाए ताकि फिर से लोगो के घर में मातम न हो,छतीसगढ़ में लोगो को मामूली चीज़ों के लिए ठोकरे न खानी पड़े।

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