मुख्यमंत्री को वन मंत्री ने औषधीय पौधा स्टीविया किया भेंट
26 जून 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड द्वारा प्रकाशित “जड़ी बूटी -दैनंदिनी 2021” का विमोचन किया । साथ ही वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को स्टीविया का पौधा भेंट किया ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल को पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री पाठक ने बताया कि इस जड़ी बूटी – दैनंदिनी में परंपरागत वैद्यों की सूची, पारंपरिक ज्ञान आधारित परामर्श केन्द्र, होम हर्बल गार्डन, औषधीय पौधों के उपयोग करने की विधि, औषधीय पौधों के खेती हेतु अनुदान राशि, औषधीय पौधों की खेती का तरीका, औषधीय पौधों का संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण एवँ मूल्य संवर्धन तथा मानव शरीर के रोगों में उपयोग होने वाले औषधीय पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है । यह दैनंदिनी कृषकों, विभाग के अधिकारियों, भू-स्वामी, सामाजिक संस्थाओं, विद्यार्थियों के साथ ही गृहिणियों के लिए भी लाभकारी होगा । औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसान समूह को औषधीय पौधों की खेती, खेती हेतु अनुदान राशि, उत्पादन के पश्चात प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के साथ ही कम लागत एवँ कम समय में अधिक आमदनी प्राप्त करने तथा कृषकों के कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान का भी उल्लेख किया गया है ।
पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री पाठक ने बताया कि मुख्यमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी के अंतर्गत औषधीय पौधों को जन-जन तक पहुंचाने तथा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत औषधीय पौधों के रोपण हेतु यह दैनंदिनी किसानों के लिए उपयोगी साबित होगी। जिससे प्रदेश की मिट्टी एवँ जलवायु के अनुकूल तथा बहुतायत में मांग वाले औषधीय पौधों की खेती से ग्रामीणों को अधिक आय के स्रोत उपलब्ध होंगे ।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर,छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा और औषधि पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जे.ए.सी.एस. राव एवँ परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ छत्तीसगढ़ के प्रांतीय सचिव श्री निर्मल कुमार भी उपस्थित थे ।