विश्व के सबसे बड़े डिजाइन प्रदर्शनी का आयोजन लंदन के समरसेट हाउस में 27 जून तक
छत्तीसगढ़ राज्य – इंडिया पवेलियन, लंदन डिजाइन प्रदर्शनी का प्रायोजक
रायपुर 24 जून 2021/ छत्तीसगढ़ राज्य की वन नीति को, इसके बहुआयामी डिजाइन एवं दूरदर्शिता की वजह से 01 जून से 27 जून तक आयोजित ‘लंदन डिजाइन प्रदर्शनी’ के तृतीय संस्करण में मुख्य आकर्षण के रूप में चुना गया है और इसकी गूंज विश्व पटल पर हो रही है।
यह प्रदर्शनी लंदन के दिल में स्थित समरसेट हाउस में आयोजित हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार, इंडिया पवेलियन, लंदन डिजाइन प्रदर्शनी के सम्मानित प्रायोजकों में से हैं तथा छत्तीसगढ़ राज्य की वन नीति, उन उन्नत विचारो का हिस्सा है जो विश्व के सबसे बड़े डिजाइन प्रदर्शनी में दिखाया जा रहा है। इंडिया पवेलियन का प्रायोजक एवं प्रदर्शनी का हिस्सा होने के नाते, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राज्य की वन नीति को बेहतर ढंग से प्रस्तुत एवं प्रदर्शित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य वन नीति को, इसके बहुआयामी डिजाइन एवं दूरदर्शिता के वजह से, मुख्य संचालक निशा मेथुइ घोष के द्वारा मुख्य आकर्षण के रूप में चुना गया है। यह वन नीति, निजी क्षेत्र, किसानों, ग्राम पंचायतो एवं सरकारी विभागों के द्वारा, लकड़ी के लिए वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा एवं मदद देने के लिए केंद्रित है ताकि राज्य की औद्योगिक, फर्नीचर, जलावन की पूर्ति हो सके और भारत देश का लकड़ी के आयात पर निर्भरता कम हो। इसके अलावा वन नीति के तहत राज्य में हरियाली को वृहद् रूप से बढ़ावा देने से वन क्षेत्र में वृद्धि एवं राज्य में जलवायु समस्या, भूजल-स्तर, सूखा तथा बढ़ की रोकथाम में मददगार साबित होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य की वन नीति को विश्व स्तर पर मान्यता मिलना, राज्य के लिए गर्व का विषय है और इसका प्रदर्शन कुछ चुनिंदा एवं उन्नत विचारो के साथ इस विश्वस्तरीय प्रदर्शनी में दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है, जिन पर हमारे ग्रह का भविष्य टिका है। छत्तीसगढ़ की वन नीति का प्रमुख लक्ष्य राज्य में गैर वनभूमि में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इस नीति में ऐसी आकर्षक प्रोत्साहन योजना बनाई गई है, जिससे पूरे राज्य में हरित क्रांति को बढ़ावा मिलेगा और छत्तीसगढ़ देश के सबसे ज्यादा हरित क्षेत्र वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर होगा। इस तरह की दूरगामी नीतियां राज्य के सतत् विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।