तीरथगढ़, मामड़पाल, मुंगा में हो रही पपीते की हाईटेक खेती
डेढ़ साल में 3 करोड़ की आमदनी का अनुमान
रायपुर, 21 जून 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर, बीजापुर और सुकमा जिले में विकास एवं निर्माण कार्यो के लोकार्पण एवं भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान बस्तर पपीता प्रोजेक्ट को लॉन्च किया। बस्तर जिले के दरभा विकासखण्ड के ग्राम तीरथगढ़, मामड़पाल एवं मुंगा में 30 एकड़ रकबे में पपीते की हाईटेक सामुदायिक खेती की जा रही है। इन तीनों स्थानों पर 10-10 एकड़ रकबे में उन्नत किस्म के 5500-5500 पपीते के पौधे रोपित किए गए हैं, जो अब फलने की स्थिति में आ गए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सुराजी गांव योजना के बाड़ी घटक के तहत विकसित सामुदायिक बाड़ी की सफलता की सराहना की और कहा कि बस्तर के किसानों को उनकी उद्यानिकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले इसके लिए आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने पपीता, मिर्ची सहित अन्य उद्यानिकी फसलों की बस्तर अंचल में बहुतायत पैमाने पर हो रही खेती को देखते हुए कलेक्टर को कोल्ड चेन सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए।
तीरथगढ़ में पपीते की सामुदायिक खेती महिला स्व-सहायता समूह द्वारा 10 एकड़ शासकीय भूमि में की जा रही है। महिला समूह से जुड़ी श्रीमती हेमा कश्यप ने बताया कि उनके समूह में कुल 43 महिलाएं हैं। जिला प्रशासन एवं उद्यानिकी विभाग की मदद से उन्होंने आज से छह माह पूर्व पपीते के पौधे लगाए थे, जो आज फल देने की स्थिति में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि आगामी सितम्बर माह से पपीते के फलों की तोड़ाई और विक्रय शुरू हो जाएगा। पपीते की सामुदायिक बाड़ी से डेढ़ साल में उनके समूह को लगभग एक करोड़ रूपए की आय होगी। मुख्यमंत्री ने तीरथगढ़ में पपीते की उन्नत खेती के संबंध में श्रीमती हेमा कश्यप और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। तीरथगढ़ सामुदायिक बाड़ी में अमीना वेरायटी के पौधे लगाए गए हैं। पपीते के पौधों का डीएनए टेस्ट कर रोपण किया गया है। रोपित पौधे उभय लिंगी हैं। एक एकड़ में 550 पौधे लगाए गए हैं। जिनके बीच की दूरी 8 बाई 10 फीट है। इसी पेटर्न पर ग्राम मामड़पाल एवं मुंगा में भी 10-10 एकड़ रकबे में पपीते की सामुदायिक खेती की गई है। तीनों सामुदायिक बाड़ियों में पपीते के फल की तोड़ाई एक साथ सितम्बर माह में शुरू होगी। बस्तर किसान संघ के श्री विमल चावड़ा ने बताया कि सामुदायिक बाड़ियों में पपीते के पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप एरिगेशन सिस्टम लगाए गए हैं। बकावंड ब्लॉक में भी 100 एकड़ रकबे में पपीते की सामुदायिक खेती किए जाने की तैयारी चल रही है।