रायपुर : भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहां की स्काईवॉक को पूरा करने के बजाए स्काईवॉक के पिल्लरों में वर्टिकल गार्डन का निर्माण सीधा सीधा एक और भ्रष्टाचार की स्कीम है। अभी-अभी उन पिलर पर काफी पैसे खर्च कर पेंटिंग करवाकर चित्र बनवाया गया था और अब उन्हीं पिल्लर पर वर्टिकल गार्डन का निर्माण सीधे सीधे पैसों का खुला दुरुपयोग है। ढाई साल में रायपुर के विकास के प्रति इस अनिर्णय की सरकार ने स्काई वाक को लेकर कोई निर्णय नही ले पाई है। इस पर तत्काल निर्णय होना चाहिए।
श्री अग्रवाल प्रदेश सरकार पर राजधानी रायपुर के विकास की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहां है राजधानी रायपुर का विकास पिछले ढाई सालों में पूर्णतः अवरुद्ध हो गया है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए कामों को भी यह सरकार ने दुर्भावना के चलते रोक दिया है। आज ढाई साल में भी अटल एक्सप्रेस वे, स्काईवॉक, अंडर ब्रिज, ओहरब्रिज की कई योजनाओं को धरातल पर ही नही उतार पाए। वस्तुतः यह सरकार अनिर्णय की सरकार है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि ढाई साल में यह सरकार अटल एक्सप्रेस वे को प्रारंभ नहीं करा पाई। स्काईवॉक पर निर्णय लेने के बजाय ढाई साल से इस पूरे मामले को लटकाए रखा है। अगर स्काईबाग को समय पर बनने दिया जाता तो आम लोगों को इनका फायदा या नुकसान का अंदाजा भी तो लग गया होता। सिर्फ इस काम को लटकाने के लिये समिति दर समिति ही बनती गई।
श्री अग्रवाल ने कहा कि रायपुर में स्मार्ट सिटी व अन्य मद से 7 करोड़ से अधिक का वृक्षारोपण किया गया है शहर की जनता इन वृक्षों को खोज रही हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि शहर के सबसे मूलभूत यातायात से जुड़ी समस्याओं में से एक शारदा चौक से तत्यापारा चौक तक सड़क चौड़ीकरण के विषय में बार-बार पत्र लिखने एवं आग्रह के बाद भी यह महत्वपूर्ण कार्य अनिर्णय के भवर में फसा हुआ है।
राजधानी रायपुर में केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजना को छोड़ दें तो कोई भी विकास के काम नहीं चल रहे हैं जो भी काम हो रहे हैं। वह सारे काम स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ही किए जा रहे हैं उस परियोजनाओं में भी जमकर फिजूलखर्ची की जा रही है। स्मार्ट सिटी के पैसे से जनता के मूलभूत समस्याओं को दूर करने के बजाए पूरे शहर को कंक्रीट के जंगल में परिवर्तित करने का काम चल रहा है स्मार्ट सिटी के पैसे से सिर्फ टेंडर और टेंडर का काम किया जा रहा है। योजनाओं का कही अता पता ही नहीं है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि रायपुर शहर में अमृत मिशन योजना के तहत हर घर नल लगने की योजना चालू है, पर इस योजना में पाइप लाइन बिछाने का व कनेक्शन देने का काम की गति कछुए के चाल के समान है। रायपुर शहर के तालाबों में जा रहे गंदा नालो के गंदा पानी को रोकने के लिए व खारून नदी में नालियों के गंदे पानी को जाने से रोकने के लिए एसटीपी बनाने की योजना अधर में लटकी हुई है, टेंडर तो कर दिया है पर कार्य पूरा करने के लिए प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि रायपुर शहर के मध्य वार्ड के मोहल्लों के लिए स्मार्ट सिटी योजना से 24×7 पानी देने की योजना स्वीकृत है। आज ढाई साल बाद भी इस योजना का टेंडर अपने स्वार्थ के चलते नहीं कर पा रही है अगर यह योजना धरातल पर आ जाती तो गोल बाजार नयापारा बुढ़ापारा, महामाई पारा, पुरानी बस्ती, प्रोफेसर कॉलोनी, मठपारा, टिकरापारा, अमीनपारा, संतोषी नगर, धर्मनगर, छत्तीसगढ़ नगर, नेहरू नगर, छोटापारा, बैरन बाजार, ब्राह्मण पारा, कंकाली पारा, तात्या पारा, रामसागर पारा, जवाहर नगर, जोरापारा, मौदहापारा, केलकर पारा, स्टेशन रोड सहित शहर के मध्य के एक बड़े हिस्से की पेयजल की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती पर इस समस्या को दूर करने प्रशासन का कोई ध्यान ही नहीं है। राजधानी रायपुर के विकास काम ठप पड़े हुए हैं बड़ी परियोजनाएं की बात छोड़ दो छोटी-छोटी योजनाएं भी समय सीमा में पूरा नहीं हो पा रहा है वही स्मार्ट सिटी सहित अन्य परियोजनाओं के पैसे का खुला अपव्यय किया जा रहा है ।
श्री अग्रवाल ने कहा कि ढाई साल से रायपुर शहर के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है रायपुर की महंगी महंगी जमीन को सरकार बेचने पर तुली हुई है। निर्णय ले रही है पर रायपुर के निर्माण कार्यों से संबंधित निर्णय लेने के लिए सरकार के पास समय नहीं है। नई राजधानी में मुख्यमंत्री आवास, मंत्री आवास, विधानसभा भवन और राज्यपाल भवन को बनाने में दिलचस्पी तो है पर वर्तमान रायपुर के विकास के लिए इस सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अग्रवाल ने कहा कि अगर रायपुर शहर के विकास कार्यो को लेकर स्काईवॉक, अटल एक्सप्रेसवे, अंडर ब्रिज, शारदा चौक से तत्यापारा चौक तक सड़क चौड़ीकरण, एसटीपी अमृत मिशन के कामों को लेकर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो रायपुर की जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी।