बेमेतरा। कोरोना संक्रमितों व लक्षणों के आधार पर डोर-टू डोर-सघन जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान की जिम्मेदारी मितानिन को सौंपी है। इस अभियान के तहत जिले में समस्त ग्रामीण एवं शहरी 1946 मितानिन द्वारा सप्ताह में दो दिन (बुधवार व गुरुवार) गृह भ्रमण के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान का सर्वे कर रही हैं। जिले की सभी मितानिन अपने-अपने गांव-पारे में घर-घर सर्वे कर कोरोना के लक्षणात्मक मरीजों की पहचान कर उन्हें संबंधित पीएचसी-सीएचसी में जाँच कराने के लिए रेफर कर रही हैं। यहाँ के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्क्रीनिंग सेंटर में कोरोना जांच की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है। जांच में किसी भी तरह की देरी होने पर लक्षण के आधार पर मरीजों को घर पर ही होम आइसोलेशन कोरोना की दवाईयों का किट उपलब्ध कराया जाता हैं। वहीं कंटेटमेंट जोन में प्रति दिन सर्वे कर लक्षण के आधार पर दवाईयों का किट उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। अभियान के साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों के बीच जाकर इसके फायदे के बारे में बताते हुए भ्रांतियों को दूर कर रही हैं।
घर पर डाक्टर न बनें
कोविड नोडल अधिकारी डॉ ज्योति अनिल जसाठी का कहना है स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना के कई लक्षणों वाले मरीजों ने समय रहते अस्पताल का रुख नहीं किया और वह घर पर ही खुद से इलाज करने लगे और जब हालत बिगड़े तो अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इस कारण किसी भी व्यक्ति को इसके लक्षण दिखे जिसमें बुखार, सर्दी, खांसी, सांस लेने में परेशानी, सूंघने अथवा स्वाद की शक्ति में कमी होना, दस्त तथा उल्टी और शरीर में दर्द होना शामिल है। वह तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें या फिर अपनी जांच कराएं। स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान सर्वे के दौरान मितानिन सभी लोगों को मास्क का उपयोग, दूरी बनाकर रखना, बार-बार हाथ धोने की उपयोगिता को बता रही हैं। सर्वे के दौरान परिवार के मुखिया को सदस्यों की स्वास्थ्य संबंधित सही जानकारियां देते हुए निशुल्क दवा व इलाज की सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सर्वे के दौरान किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का लक्षण दिखे तो मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता को जरूर बतायें ताकि समय में जाँच और इलाज हो सके।
जिला मितानिन समन्वयक अल्का दुबे बताती है कोरोना का संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। लोगों में इसका संक्रमण अभी भी जारी है। समय के रहते लोग प्रारंभिक अवस्था में टेस्ट कराने से बच रहे हैं। इस कारण यह स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है ताकि जल्द से कोरोना के उन मरीजों की पहचान कर सकें जो लक्षण होने के बाद भी जांच नहीं करा रहे। मौसम में बदलाव के कारण गर्मी के सीजन में भी सामान्य फ्लू तो होते ही है, लेकिन कोरोना के प्रारंभिक लक्षण भी सामान्य फ्लू की तरह ही होते हैं। श्रीमती दुबे ने बताया स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम के दौरान ऐसे ही लोगों की पहचान करनी है ताकि समुदाय व परिवारों के बांकि सदस्यों के बीच संक्रमण नहीं फैल सके। मितानिन को पॉजिटिव मरीज एवं लक्षण वाले मरीज के घर भ्रमणकर स्थिति को जानना, कीट प्रदान कर आवश्यक सलाह देना है।
जिले के बेरला, साजा, नवागढ व बेमेतरा ब्लॉक के 15 मितानिन ब्लॉक समन्वयकों को 423 ग्राम पंचायतों की 689 गांव की पारा में स्वास्थ्य संबंधी सर्वे की मॉनिटरिंग के लिए 90 मितानिन ट्रेनरों को लगाया गया है ताकि समय पर सर्वे व गृहभ्रमण कार्य पूरा हो सके। कोरोना की दूसरी लहर को रोकने और जन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए योजनाबद्व तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं।
संक्रमण की कड़ी को तोड़ना है : सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.के. शर्मा बताते हैं जिला स्तरीय स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान का अच्छा प्रतिसाद मिला। इस दौरान 1.26 लाख हितग्राहियों ने टीके लगवा लिए हैं। मितानिन द्वारा लगातार गृह भ्रमण से 1.15 लाख से अधिक घरों में गत सप्ताह भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान कोरोना के लक्षण वाले 1673 लोगों की पहचान कर 742 लोगों को कोरोना दवा किट प्रदान किया गया। संक्रमण की दर घटने से एक दिन में गत दिवस 931 संभावितों का कोरोना जांच होने पर संक्रमण दर 10 प्रतिशत तक मिल रहे हैं। जिले में स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान का अच्छा परिणाम यह देखने को मिल रहा है कि अब कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा कुछ दिनों से अंकुश लगने से 90 तक पहुंच गया है जबकि एक दिन में 363 मरीज डिस्चार्ज होकर घर लौट रहे हैं। वर्तमान में कुल 1840 मरीज एक्टीव है। मौत का आंकड़ा 3 तक पहुंचने से अभी भी स्थिति बेहतर हुई है। कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने में यह कार्यक्रम मददगार साबित होगा।