रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा और तेजिंदरपाल सिंह बग्गा के ख़िलाफ़ दर्ज़ तमाम एफआईआर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा निरस्त किए जाने को लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सत्य की विजय निरुपित किया है। श्री साय ने कहा कि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में ज़रा भी नैतिकता बाकी रह गई हो तो दोनों नेताओं को पूरे देश-प्रदेश के साथ-साथ भाजपा और डॉ. पात्रा से नि:शर्त क्षमायाचना करना चाहिए क्योंकि उनके इशारे पर प्रदेश के अलग-अलग थानों में डॉ. पात्रा के विरुद्ध लगभग एक सौ एफआईआर की गई थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग की अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर देशद्रोहियों के साथ खड़ी दिखने वाली कांग्रेस का मूल राजनीतिक चरित्र ही अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना रहा है। अपने ख़िलाफ़ उठने वाली हर आवाज़ को कुचलने वाली कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपकर अपने इस चरित्र का परिचय तो दिया ही था।
श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत संघ-परिवार पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर झूठी, ऊलज़लूल व अपमानजनक टिप्पणियाँ करना अपना विशेषाधिकार समझने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर डॉ. पात्रा की टिप्पणी से बौखलाई कांग्रेस को हाईकोर्ट के इस फैसले ने आईना दिखा दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि कांग्रेस ने देश को अपने झूठ से हमेशा ग़ुमराह करने का काम किया है और इसलिए निचली अदालतों से लेकर ऊपरी अदालतों तक में कांग्रेस के छोटे से बड़े नेता तक माफ़ी मांगकर अपने सियासी वज़ूद को बचाते फिर रहे हैं।
श्री साय ने कहा कि जितनी तत्परता सीएम बघेल ने ड़ा. पात्रा के ख़िलाफ़ झूठी शिकायतें दर्ज कराने में दिखायी थी, उसका चौथाई भी अगर प्रदेश की व्यवस्था सम्हालने में लगाते तो छत्तीसगढ़ की ऐसी दुर्दशा नहीं होती।