गरियाबंद। जंगली सुअर का शिकार करने के आरोप में 9 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें घुरापदर सरपंच, सरनाबहाल कोटवार, उपसरपंच समेत 9 लोग शामिल हैं. वन विभाग के मुताबिक आधा दर्जन लोग और भी शामिल हैं. सभी लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी. पुलिस और वन विभाग की टीम सभी की तलाश कर रही है.
दरअसल, 3 अप्रैल की सुबह सरनाबहाल के हगरी बांधा में जंगली सुअर का शिकार कर उसे हिस्सों में बांट लिया गया था. देर रात तक मामले का वीडियो वायरल हुआ था. अगली सुबह रविवार को उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के इंदागांव अमला मामले को गंभीरता से लिया. इसके बाद इसे देवभोग परिक्षेत्र को सौंप दिया गया था. अब 4 दिन बाद कार्रवाई की गई है.
रेंजर नागराज मंडावी ने कार्रवाई शुरू की. इससे ग्रामीण इलाके में हड़कंप मच गया था. इंदागांव अमले ने वीडियो क्लिप के आधार पर पहले ही दिन जिस भुजबल को सन्देही बताया था, उसी का बयान दर्ज किया. भुजबल के बयान के आधार पर रेंजर मंडावी ने घुमरापदर सरपंच सोनाधर मांझी, सरनाबहाल उपसरपंच कैलाश यादव, कोटवार चतर्भुज सूर्यवंशी, विनोद यादव, पप्पू यादव, हरियादव, सोनाधर, खिरसिंह और प्रकाश को हिरासत में लिया है
रेंजर नागराज मंडावी ने बताया कि घटना में और भी लोग संलिप्त हैं, जिनको हिरासत में लेने टीम रवाना हुई है. सभी आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. हथियार और मांस का टुकड़ा भी जब्त कर लिया गया है.
हिस्से का मांस नहीं मिला तो वीडियो कर दिया वायरल
भुजबल ने अपने बयान में बताया कि शनिवार की सुबह 8 बजे उसे प्रकाश यादव ने तालाब के बेशरम झुंड में जंगली सुअर की सूचना दी. काटने के लिए हथियार लेकर आने को कहा. यह भी बताया कि पप्पू और विनोद ने शिकार किया है. तालाब के पास गया तो घुमरापदर सरपंच, सरनाबहाल कोटवार, उपसरपंच समेत 12 से 15 लोग मौजूद थे. बताया जा रहा है कि सुअर के मांस कटिंग का वीडियो हरिराम ने बनाया था. इसके बाद उसके हिस्से का मांस नहीं मिला. दिनभर इस बात को लेकर विवाद भी होता रहा.
3 अप्रैल को वायरल हुआ था वीडियो
इसके बाद 3 अप्रैल को ही शाम 5 बजे के बाद हरि ने वीडियो कई लोगों को भेज दिया. देर रात तक क्लिप इंदागांव रेंजर योगेश रात्रे तक भी पहुंच गई. अफसर ने अगली सुबह ही एक्शन मोड में आकर कार्रवाई शुरू की.
सेंचुरी में आग से, बाहर निकल रहे वन्यप्राणी-
विगत 10 दिनों से सेंचुरी के बफर जोन के अलग अलग हिस्सों में आग लगी थी. तेंदूपत्ता के लिए आग लगाई गई थी. अभ्यारण्य के भीतर वन्य जीवों के प्यास बुझाने के लिए भी कोई माकूल प्रबन्ध नहीं है. ऐसे में जंगली जानवर प्यास बुझाने ग्रामीण इलाकों का रूख कर रहे हैं. शिकारी बेजुबान जानवरों के लाचारी का फायदा उठा रहे हैं. जानवरों को अपना शिकार बना रहे हैं.