रायपुर। गृह विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने आज बस्तर में नक्सलवाद पर हुए कई प्रतिष्ठित चैनलों में डिबेट के दौरान कहा कि बस्तर के भौगोलिक परिस्थितियों को गहराई से समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा, बस्तर अंचल के आदिवासी समय के साथ जिस तरह से जागरूक हो रहे हैं और सरकार की विकास की रफ्तार जंगलों के बीच बसे गांव तक पहुँच रही है, उससे माओवादी चिंता में आ गए हैं। विकास उपाध्याय ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आव्हान किया कि नक्सलवाद को खत्म करने केन्द्र और राज्य सरकार को मिलकर संयुक्त रूप से अभियान चलाने की जरूरत है।
गृह विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय बीजापुर में घटित घटना व बस्तर में नक्सलवाद पर कई टीवी चैनलों के डिबेट में आज कहा कि नक्सली जब तक हथियार नहीं छोड़ते, तब तक किसी तरह की बातचीत का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कोई कुछ भी मांगे और वो उसे दे दिया जाए ऐसा कभी नहीं होता। विकास उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि शर्तों के आधार पर बातचीत नहीं हो सकती। उन्होंने पूरे बस्तर में फोर्स बढ़ाए जाने की जरूरत बताई, वहीं उन्होंने कहा, नक्सली हर बार पहाड़ियों के ऊपर एम्बुस लगाकर इन घटनाओं को अंजाम देते हैं, जबकि हमारी फोर्स हमेशा नीचे रहती है। इन सारी चीजों को देखने और समझने की जरूरत है, ताकि भविष्य में जो भी अटैक हमारे द्वारा किया जाएगा, नक्सलियों के लिए एक सबक होनी चाहिए।