प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये बैठक ली और आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर मनाए जाने वाले आज़ादी अमृत उत्सव की कार्ययोजना पर चर्चा की। छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी की अनुपस्थिति में छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत बतौर मुख्यमंत्री प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए। साथ अन्य राज्यों के अधिकारी व मंत्रीगण भी इस बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को गुजरात से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम शुरू करेंगे। सन 1930 में इसी दिन महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा आरंभ की थी, जो 5 अप्रैल को समाप्त हुई। 25 दिवसीय आज़ादी अमृत उत्सव की तिथि भी वही है जो गांधी जी दांडी यात्रा की थी।
आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर आज़ादी अमृत उत्सव के तहत आज़ादी के लिए बहुमूल्य योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाएगा। जिसकी शुरुआत 12 मार्च को संभावित है जब गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरूआत की थी। अंग्रेजी शासन में नमक का उत्पादन और विक्रय करने पर भारी कर लगा दिया था। नमक जीवन के लिए आवश्यक वस्तु होने से इस कर को हटाने गांधी जी ने यह सत्याग्रह आरंभ किया। यह ब्रिटिश हुकुमत द्वारा देश पर एकाधिकार हेतु जनता के दमन के खिलाफ चलाए गए गांधी जी के कई आंदोलनों में से एक था।
इस बैठक में आज़ादी अमृत उत्सव की प्रमुख गतिविधियों पर चर्चा की गई। 12 मार्च को यह उत्सव गुजरात के साबरमती से प्रारंभ होगा और 241 मील की दूरी तय करने के पश्चात् दांडी में इसका समापन होगा। सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने प्रतिनिधि इस आयोजन में भेजेंगे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संस्कृति विभाग के सचिव अंबलगन पी और संस्कृति व पुरातत्व विभाग के निदेश विवेक आचार्य भी मौजूद थे।