दुर्ग, 16 फरवरी 2021। प्रदेश के सभी जिलों को वर्ष 2023 तक क्षय रोग मुक्त करने का `टीबी हारेगा देश जीतेगा’ अभियान शुरु कर संकल्प लिया है। जिले में एक्टीव केस फाइंडिंग के तहत दस्तक -2021 में विशेष क्षय रोगी खोजी अभियान में 53 नए क्षय रोगी मिले हैं ।
जिले के हाई रिस्क एरिया में ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों को लक्षित करके श्रमिकों, वृद्वाआश्रम, रैन बसेरा व जेल के कैदियों को के बीच जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2.33 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की थी। इनमें 2383 संभावितों की सेम्पल जांच में से 53 लोगों में टीबी बीमारी की पुष्टी हुई है। नए टीबी के मरीजों का पंजीकरण कर इलाज शुरू कर दिया गया है।
जिले में 4 जनवरी से 15 फरवरी तक एक्टीव केस फाइंडिंग सर्वे के तहत शहरी स्लम आबादी में सबसे ज्यादा 49 नए टीबी मरीज की पहचान की गई है जबकि माइंस एरिया के श्रमिकों में 2 और जेल व रैन बसेरा में एक-एक टीबी मरीजों की खोज की गई है। वहीं औद्योगिक एरिया, वृद्वाश्रम व उच्चजोखिम समूह के लोगों की टीबी स्क्रीनिंग में कोई भी मरीज नहीं मिले हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल कुमार शुक्ला ने बताया ‘‘ ज़िले में सघन क्षय रोगी खोज अभियान जो विशेष रुप से शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती, खदान क्षेत्र, प्लांट क्षेत्र, अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम, हाई रिस्क क्षेत्र, जेल (महिला एवं पुरुष ) गिट्टी खदान क्षेत्र, राईस मिल क्षेत्र में 4 जनवरी से चलाया जा रहा है। जिले के शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती क्षेत्र में कुल 2.20 लाख से ज्यादा लोगों की जांच की गई थी जिसमें 2215 संभावितों की विशेष जांच में 49 लोगों में क्षय रोग की पुष्टी हुई है । वही खदान क्षेत्र में कुल 1982 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 37 संभावित की विशेष जांच में 2 नए क्षय रोगी मिले हैं। जेल में 1736 कैदियों में 48 संभावितों की जांच में एक मरीज टीबी से ग्रसित मिला। रैन बसेरा में 12 लोगों की स्क्रीनिंग में एक संभावित की जांच में एक टीबी मरीज मिला। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हाई रिस्क क्षेत्र में 338 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 18 संभावित लोगों की विशेष जांच की गई थी । वृद्ध आश्रम में 113 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 36 संभावित लोगों की विशेष जांच की गई थी । इसी तरह औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत 9182 श्रमिकों स्क्रीनिंग में 28 संभावितों की जांच कराई गई लेकिन इन समूहों में किसी में भी टीबी की पुष्टी नहीं हुयी है ।‘’
1600 टीमों के द्वारा चलाया जा रहा अभियान
जिलेभर में 12 लाख लोगों तक सघन टीबी रोगी खोज अभियान में घर-घर पहुंचने स्वास्थ्य विभाग ने 1600 टीमें बनाई है। तीन चरणों टीबी की खोज के लिए प्रत्येक टीम में 4 से 5 सदस्य रखे गये हैं। टीबी सुपरवाइजर, मितानिन, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानीन, स्थानिय एनजीओ के कार्यकर्ताओं, टीबी चैम्पियन व राष्ट्रीय क्षय रोग उन्नमूलन कार्यक्रम ( एनटीईपी) के कर्मचारियों को डयूटी पर तैनात कर विशेष सहयोग लिया जा रहा है।
पंजीकरण और इलाज पर जोर
क्षय रोगी खोजी अभियान में यह भी बताया जा रहा है कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्ब न्धित किसी का इलाज चल रहा है तो उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्हें बेहतर दवाएं निशुल्क मिलें और उनका इलाज करने के साथ ही उन्हें पोषण भत्ता दिलाया जा सके। जिले में वर्ष 2020 में अभियान के तहत 2886 नए टीबी मरीज पाए गए थे जिनका इलाज किया गया है।
ऐसे लक्षण दिखे तो जांच जरूरी
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी का आना। खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना। वजन घटना। बुखार, सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार, रात में बेवजह पसीना आना। कम भूख लगने जैसी जैसी शिकायत है तो एक बार अपनी जांच जरुर करा लें। समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।