केंद्र सरकार द्वारा मांग से कम की गई थी बारदाने की आपूर्ति,
रायपुर। खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि एफसीआई को पुराने/सार्वजनिक वितरण प्रणाली से प्राप्त बारदाने का इस्तेमाल की अनुमति प्रदान करें। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि केंद्र सरकार द्वारा 1.48 लाख जूट के बारदानों की स्वीकृति प्रदान की गई थी, लेकिन सिर्फ 1.08 लाख बारदानों की आपूर्ति हुई। एफसीआई द्वारा पुराने/सार्वजनिक वितरण प्रणाली से प्राप्त बारदाने का इस्तेमाल हेतु इन्कार किया जा रहा है। नए जूट के बारदानों की कमी के कारण केंद्र सरकार द्वारा पुराने/सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बारदानों में चावल एफसीआई/राज्य उपार्जन एजेंसियों में जमा करवाए जाने को अनुमति प्रदान की गई थी। इस अनुमति के विपरीत एफसीआई द्वारा चावल का उपार्जन पुराने/सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बारदानों में नही किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा 20 अक्टूबर 2020 को पत्र लिखकर बारदानों की आपूर्ति में कमी की स्थिति में पुराने उपयोग किये हुए बारदानों के उपयोग की अनुमति प्रदान की थी।
साथ ही खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लिखे गए पत्र का उल्लेख करते हुए अनुरोध किया कि खरीफ़ विपणन वर्ष 2020-21 में अतिरिक्त 40 लाख मीट्रिक टन चावल का उपार्जन किया जाए। उल्लेखनीय है कि खरीफ़ विपणन वर्ष में छत्तीसगढ़ सरकार ने विभिन्न एजेंसियों के ज़रिये 20.53 लाख किसानों से लगभग 92 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है। इसमें से 24 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हेतु केंद्र सरकार द्वारा अनुमति प्रदान की गई थी। इस वर्ष धान की बंपर आवक को देखते हुए खाद्य मंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता से अतिरिक्त समस्त सरप्लस धान का 40 मीट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल के अंतर्गत उपार्जित किये जाएँ। इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लिखे गये पत्र का भी उल्लेख किया।