रायपुर : भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) उपयुक्त थीम पर वित्तीय शिक्षा से संबंधित संदेशों का प्रचार-प्रसार करने के लिए वर्ष 2016 से प्रत्येक वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफएलडब्ल्यू) का आयोजन कर रहा है। वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2018, 2019 और 2020 क्रमशः “उपभोक्ता संरक्षण”, “किसान” और “एमएसएमई” पर केंद्रित थे। इस वर्ष के वित्तीय साक्षरता सप्ताह के लिए थीम “ऋण अनुशासन और औपचारिक संस्थानों से ऋण” है जो वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (2020-2025) के उद्देश्यों में से एक है।
इस संबंध में, भारतीय रिज़र्व बैंक, रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 8 फरवरी, 2021 को वित्तीय साक्षरता सप्ताह उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया था। इस समारोह की अध्यक्षतास्कूल शिक्षा, आदिवासी एवंअनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विकास, सहयोग, छत्तीसगढ़ सरकार के माननीय मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। समारोह में राज्य सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, बैंकों के क्षेत्रीय नियंत्रक, सिडबी, उद्योग संगठनों ने भाग लिया।
अर्थव्यवस्था के विकास में सहयोग प्रदान करने के लिए ऋण का महत्व सर्वविदित है। अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्ध कराने से पूंजी का उचित आवंटन, आर्थिक मूल्य का सृजन, सुख-समृद्धि में सुधार और रोजगार में वृद्धि होती है। बैंकिंग प्रणाली ने देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा सरकार और आरबीआई दोनों ने ऋण की पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं जिसके परिणामस्वरूप अधिक वित्तीय समावेशन हुआ है।
सभी के लिए ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ऋण अनुशासन को विकसित और सुदृढ़ करना होगा जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक गतिविधि का विस्तार और विकास होगा। क्रेडिट ब्यूरो और प्रस्तावित पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (पीसीआर) फ्रेमवर्क से ऋण के प्रवाह में सुधार, पारदर्शिता में सुधार और ऋण अनुशासन स्थापति करने की उम्मीद है।
ऋण अनुशासन को विकसित करने और लोगों को आवश्यकतानुसार औपचारिक संस्थानों से ऋण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने पर केन्द्रित वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देने से बेहतर वित्तीय समावेशन से जुड़े निम्नलिखित लाभ सामने आएँगे:
क. प्रक्रियाओं में पारदर्शिता
ख. शिकायत निवारण तंत्र तक पहुँच
ग. बेहतर क्रेडिट स्कोर
घ. भावी ऋण के लिए बेहतर नियम और शर्तों की संभावना
ङ. आर्थिक मूल्य का सृजन
च. एनपीए में स्लिपेज को रोकना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण अनुशासन में सुधार और एनपीए को कम करने के उद्देश्य से निम्नलिखित तीन विषयों पर पोस्टर और ऑडियो-विज़ुअल के रूप में सामग्री विकसित की है:
क. जिम्मेदारी के साथ उधार लेना
ख. औपचारिक संस्थानों से उधार लेना
ग. समय पर कर्ज अदायगी
वित्तीय साक्षरता सप्ताह की गतिविधियों के हिस्से के रूप में, बैंकों को सूचित किया गया है कि वे अपने वेबसाइट, एटीएम और उनकी शाखाओं में लगाए गए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर आरबीआई द्वारा विकसित किए गए पोस्टर प्रदर्शित करके अपने ग्राहकों और जनता के बीच उक्त थीम के बारे में सूचना प्रसारित करें और जागरूकता पैदा करें। भारतीय रिज़र्व बैंक इस थीम पर आवश्यक वित्तीय जागरूकता संदेशों का प्रसारण करने के लिए एक केंद्रीकृत जन मीडिया अभियान शुरू करेगा।