भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज के साथ ही पद से हटाये जाने की कार्यवाही हो
रायपुर। संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि कुछ जिम्मेदार अधिकारी तत्कालीन भाजपा सरकार के शीर्ष नेताओं से मिली भगत कर राज्य लोक सेवा आयोग सहित कुछ विश्वविद्यालयों में फर्जीवाड़ा कर कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही पद से हटाये जाने की कार्यवाही करनी चाहिये।
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने हाल ही के दिनों छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक की भर्ती के साक्षात्कार में मुख्य परीक्षा में अनुपस्थित एक अभ्यार्थी को सम्मिलित किये जाने को गंभीरता से लिया है और कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग भाजपा शासनकाल के पन्द्रह वर्षों तक लगातार विवादों में रहा और बड़े तादात में धांधली होते रही। नतीजन एक भी विज्ञापन के नियुक्ति को लेकर आयोग ने निर्धारित सीमा अवधि में भर्ती नहीं कर सकी। कांग्रेस की सरकार बनने के पश्चात् मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आयोग में पारदर्शिता लाने कड़ाई से पालन करने का समय-समय पर निर्देश देते रहे हैं। बावजूद कुछ जिम्मेदार अधिकारी पन्द्रह वर्षों तक जो भ्रष्टाचार में लीन रहे। अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं और उस परंपरा को बदलने असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से ऐसे अधिकारी भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिली भगत कर ऐसा षड़यंत्र रच रहे हैं।विकास उपाध्याय ने कहा,वे आयोग गठन के बाद से ही वहाँ व्याप्त अनिमियताओं को लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं।
विकास उपाध्याय ने आगे कहा, आयोग ही नहीं बल्कि कुशाभाऊ ठाकरे जैसे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संस्थानों में आज भी संघ की पाठशाला लग रही है। उक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव बहादूर सिंह विश्वविद्यालय में मूल कार्य प्रशासनिक गतिविधियों को छोड़ लगातार इस तरह की कार्यकलापों में संलग्न होकर कैंपस के शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। आये दिन संघ की गतिविधियों से त्रस्त विद्यार्थी आंदोलन करने मजबूर हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि इस तरह के जिम्मेदार लोग महत्वपूर्ण पदों में बैठकर कांग्रेस सरकार को बदनाम करने तुले हुए हैं। विकास उपाध्याय ने कहा,ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के साथ ही उन्हें पद से हटाया जाना चाहिये। उन्होंने इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को भी पत्र भेजकर संज्ञान में लेने का आग्रह किया है और घटित पूरे घटनाक्रम पर उचित कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।