कोविड-19 के प्रबंधन के लिये यूनिवर्सल प्रोटोकॉल, रैपिड रिस्पॉंस और आइसोलेशन की दी गई जानकारी

डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति अस्पताल में मेडिकल स्टॉफ के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम

रायपुर. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज यहां डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में मेडिकल स्टॉफ के लिए कोरोना वायरस रोग के प्रबंधन पर राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण-प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स) को नोवेल कोरोना वायरस रोग (COVID-19) के संदिग्ध एवं पीड़ित रोगियों के उपचार, उपचार के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों तथा यूनिवर्सल प्रोटोकाल से संबंधित दिशा-निर्देशों की जानकारी दी गई।
आई.डी.एस.पी. (Integrated Disease Surveillance Program) के स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ. धर्मेन्द्र गहवई ने प्रशिक्षण में कोविड-19 के मामलों की विस्तृत व्याख्या कर वातावरण को संक्रमणमुक्त करने के तरीकों और जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में बताया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के उप-क्षेत्रीय टीम प्रमुख डॉ. प्रणित फटाले ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर अनावश्यक डरने या घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस रोग से पीड़ित केवल एक से दो प्रतिशत लोगों को ही आई.सी.यू. की जरूरत पड़ती है। वहीं 84 प्रतिशत माइल्ड डिसीज और 14 से 15 प्रतिशत केस ही गंभीर होते हैं। कोरोना वायरस सरन्ध्र या छिद्रयुक्त सतह (पोरस सरफेस) पर लगभग आठ से 12 घंटे और समतल सतह (नॉन-पोरस सरफेस) जैसे कुर्सी, टेबल इत्यादि पर लगभग एक से दो दिन तक जीवित रह सकता है। इसलिए ऐसे स्थानों को संक्रमणमुक्त करना जरूरी हो जाता है।
एम्स रायपुर के वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरिज (वीआरडीएल) की नोडल अधिकारी एवं माइक्रोबायोलॉजी की प्राध्यापक डॉ. अनुदिता भार्गव ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं इसके मानक तथा अतिरिक्त सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने पॉवर-प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए “डॉन एंड डॉफ” की जानकारी देकर संक्रमण से बचने के उपाय बताए। डॉ. भार्गव ने ”डॉनिंग“ यानी मेडिकल स्टॉफ द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षात्मक कपड़ों एवं उपकरणों को सही तरीके से पहनने के विभिन्न चरणों और “डॉफिंग” यानी इस्तेमाल के बाद उन्हें उतारने की सही प्रक्रिया की जानकारी दी।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के मेडिसीन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरेश चंद्रवंशी ने उपचार की प्राथमिकता, उपचार का क्रम, अधिक संख्या में रोगियों के आने पर उनके त्वरित प्रबंधन, आइसोलेशन, अस्पताल की तैयारियों एवं शीघ्र प्रतिक्रिया (रैपिड रिस्पांस) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. ओ.पी. सुंदरानी ने कोविड-19 पीड़ित के क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट एवं रेस्पाइरेटरी सपोर्ट सिस्टम के बारे में मेडिकल ऑफिसर्स एवं नर्सिंग स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दौरान राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, उपसंचालक डॉ. वाई.एस. ठाकुर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. विनित जैन तथा मेडिसीन रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.पी. लकड़ा भी मौजूद थीं।

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