एफसीआई में चावल जमा नहीं होने और बारदानें की कमी के कारण धान खरीदी में संकट की स्थिति

धान खरीदी के लिए गठित मंत्री मण्डलीय उप समिति ने की सक्रिय किसान संगठनों से चर्चा

किसानों ने कहा कि वे हर स्थिति में सरकार के साथ

चावल जमा नहीं होने से वारदाने की रिसाइकलिंग व कस्टम मिलिंग में आ रही दिक्कत

राज्य के खरीदी केन्द्रों में धान रखने की जगह नहीं

रायपुर, 31 दिसम्बर 2020/ धान खरीदी के लिए गठित मंत्री मण्डलीय उप समिति ने आज मंत्रालय महानदी भवन में एफसीआई द्वारा चावल जमा नहीं करने और बारदानें की कमी के कारण धान खरीदी में आ रही दिक्कतों के संबंध में सक्रिय किसान संगठनों से चर्चा की। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि राज्य में धान खरीदी का काम सुचारू रूप से चल रहा है और लगभग साढ़े ग्यारह लाख पंजीकृत किसान धान बेच चुके हैं। प्रदेश में 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। इस वर्ष गत वर्ष के अपेक्षा ज्यादा धान खरीदी होने का अनुमान है। बैठक में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल एवं खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने धान खरीदी में आ रही समस्याओं से किसानों को अवगत कराया। इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया भी मौजूद थे।  
 कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि धान खरीदी छत्तीसगढ़ सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। केन्द्र सरकार द्वारा आज पर्यन्त तक एफसीआई में चावल लेने की अनुमति नहीं देने की वजह से धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग का पूरा सिस्टम बाधित होने लगा है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में धान खरीदी प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 30 दिसम्बर को धान खरीदी के संबंध में मंत्रि-मण्डल के सदस्यों के साथ आपात बैठक हुई जिसमें राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अद्यतन स्थिति को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं कृषि मंत्री से एफसीआई में धान जमा कराने की अनुमति के संबंध में प्रत्यक्ष बातचीत की है। 
मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मेट्रिक टन चावल जमा करने की सैद्धांतिक सहमति दी है, किन्तु एफसीआई में चावल जमा करने की सहमति आज तक नहीं मिली है। इस कारण कस्टम मिलिंग प्रभावित हो रही है। चावल जमा न होने तथा कस्टम मिलिंग प्रभावित होने से बारदाने की रिसाईकलिंग नहीं हो पा रही है। इस कारण धान खरीदी के लिए बारदाने की भी समस्या हो रही है। कस्टम मिलिंग प्रभावित होने से धान खरीदी केन्द्रों में उपार्जित धान इकट्ठा हो गया है। संग्रहण केन्द्रों में धान जाम होने और बारदानें की समस्या के कारण धान खरीदी में दिक्कत आ सकती है। राज्य सरकार अपनी स्तर पर बारदानें की व्यवस्था कर धान खरीदी कर रही है। केन्द्र सरकार से अब तक केवल 1 लाख 5 हजार गठान बारदानें मिला है। 
बैठक में प्रदेश के सभी जिलों से लगभग 300 किसान शामिल हुए। किसानों ने एक मत से सरकार के साथ पूर्ण से सहयोग करने का भरोसा दिलाया और कहा कि वे सभी परिस्थितियों में धान खरीदी कार्य में सहयोग करेंगे। किसान समय बढ़ाकर धान बेचने के लिए भी तैयार है। धान बेचने के लिए अपने बारदाना भी देंगे। धैर्य से काम लेंगे। किसानों ने यह भी कहा कि वे केन्द्र सरकार के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे और एफसीआई में तत्काल चावल जमा कराने की अनुमति देने का आग्रह करेंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय सांसदों से भी अनुमति दिलाने के संबंध में उनसे आग्रह करेंगे। बैठक में खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता, एमडी मार्कफेड श्री अंकित आनंद सहित अन्य संबंधित आधिकारी मौजूद थे।

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