गोहाटी।कांग्रेस पार्टी के असम प्रभारी राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने गृह मंत्री अमित शाह के असम दौरे के पूर्व आज उन पर सीधा हमला बोला है और कहा, गृहमंत्री अमित शाह आसन्न चुनाव वाले राज्यों में दौरा कर दंगे भड़काने एक रणनीति के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं को गुप्त मंत्रणा दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल के बाद असम का उनका दौरा इसी का एक हिस्सा है। उन्होंने असम के लोगों को इसके लिए सचेत हो जाने की सलाह दी है।उन्होंने कहा, यहां के लोगों ने भाषाई पहचान और नागरिकता के मुद्दे पर बहुत संघर्ष किया परन्तु अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें वापस भेजने का वादा करने वाली बीजेपी ने उन्हें सिर्फ सत्ता हथियाने धोखा दिया।
विकास उपाध्याय ने कहा,असम में बीजेपी ने रोज़गार देने से लेकर विकास के जो वादे किए थे बीते पांच साल में वह कोई काम नहीं कर पाई। सरकारी स्कूलों के हालात खस्ता हालत में हैं तो महँगाई चरम पर है और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्ति का निजीकरण किया जा रहा है। भाजपा जातिगत राजनीति कर हिन्दू मुस्लिम को लेकर वोटों के ध्रुवीकरण करने के प्रयास में लगी है। जिसका एक मात्र उद्देश्य किसी भी तरह से सत्ता हथियाना है।
विकास उपाध्याय ने कहा, दोबारा सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से ही विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) लाया गया है ,साथ ही इस विवादित बिल में यह स्पष्ट किया गया है कि यह बिल भारत के स्वायत्त प्रशासनिक क्षेत्र में लागू नही किया जाएगा । इस बात से यह स्पष्ट होता है की भाजपा कैसे “फुट डालो और राज करो” की नीति को अपनाकर असम प्रदेश की जनता को ग़ुमराह करना चाहती है। उन्होंने कहा,किसी भी शिक्षा संस्थान को बंद करने का मतलब छात्रों को नुकसान पहुंचाना है। इस तरह के फै़सले छात्रों के हित के लिए नहीं लिए जाते बल्कि इन सबके पीछे राजनीति होती है और भाजपा की असम सरकार मदरसों को लेकर हाल के फ़ैसले का मक़सद वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास है।
विकास उपाध्याय ने कहा,परन्तु भाजपा ने इसमें भी असम के लोगों के साथ छल किया और अब गृह मंत्री अमित शाह को अपने ही पार्टी के नेताओं पर भरोसा नहीं रह गया है की उनके दम पर पुनः सत्ता हासिल की जा सकती है इसलिए कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी पार्टीयों के चुने गए प्रतिनिधियों को भाजपा में शामिल कराने पूरे देश में अभियान चला रहे हैं।कहीं चुनी गई सरकार को गिराना तो कहीं खरीदफरोख्त कर अपनी पार्टी में नेताओं को शामिल करना भाजपा का चरित्र बन चुका है।उन्होंने अमित शाह पर असम सहित चुनाव वाले राज्यों में दंगा भड़काने का संगीन आरोप लगाया है।
विकास उपाध्याय ने याद दिलाया 1985 में प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी ही थे जो असम राज्य की सुध ली थी और इसके आर्थिक विकास के लिए पैकेज की भी घोषणा की और यहां ऑयल रिफाइनरी, पेपर मिल और तकनीक संस्थान स्थापित करने का फैसला किया गया।
तब यह भी फैसला लिया गया था कि असमिया-भाषी लोगों के सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषाई पहचान की सुरक्षा के लिए विशेष कानून और प्रशासनिक उपाय हो परंतु भाजपा इन पहलुओं को पिछले 5 सालों में नैपथ्य में डाल दिया है।