बात हे अभिमान के, छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के

रायपुर। आज ही के दिन 2वर्षों पूर्व छत्तीसगढ़ के यशस्वी माटीपुत्र भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ का हाथ थामा था, तब से लेकर आजतक जिस छत्तीसगढ़ का स्वप्न डॉ. खूबचंद बघेल जी सरीखे हमारे पूर्वज देखा करते थे उस ओर छत्तीसगढ़ को अग्रसर कर रहे हैं।

संगठन के प्रवक्ता एवं महामंत्री के रूप में भी भूपेश बघेल जी के साथ काम किया है उस दौरान वे कहा करते थे कि यदि हमारे गाँव समृद्ध होंगे तो प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी स्वयमेव समृद्ध होगी और उनके इस छत्तीसगढ़ मॉडल की झलक इन 2 वर्षों में प्रदेश की जनता को देखने को मिली।
सरकार बनते ही त्वरित तौर पर की गई कर्जमाफी और धान की 2500 रुपये समर्थन मूल्य पर ख़रीद सरकार के दो मास्टर स्ट्रोक थे जिसकी वजह से देश-विदेश में व्याप्त मंदी की लहर छत्तीसगढ़ को छू भी नहीं पाई, देशभर में जहाँ आटोमोबाइल सेक्टर में गिरावट का दौर जारी था पर छत्तीसगढ़ में इसके ठीक उलट बिक्री में उछाल देखी गई, सोने-चांदी के गहनों की खरीद बढ़ी, रियल स्टेट कारोबार में उछाल आया।

केंद्र के रवैयों के चलते धान के 2500 समर्थन मूल्य देने को लेकर कई व्यवधान एवं विवाद उत्पन्न किये गए जिसे “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” के जरिये हल कर किसानों को उनका हक देकर आपने उनके प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की, आज इस योजना की गूंज इतनी हो चुकी है कि स्वयं केंद्र सरकार ने किसानों के प्रदर्शन के बीच छत्तीसगढ़ से इस “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” के बारे में जानकारी मांग रही है।

पुरखों के जिस सुदृढ़ ग्राम के स्वप्न की बात आप किया करते थे वह स्वप्न छत्तीसगढ़ के गोठनों से निकल कर छत्तीसगढ़ी अस्मिता का गौरवबोध लिए दिल्ली को जगमगाने लगे हैं, अपशिष्ट प्रबंधन हेतु गांवों में बनाये जाने वाले घुरवा की महत्वता का अहसास अब 10रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहे वर्मी कम्पोस्ट खाद करवाने लगे हैं तो वहीं हर माह “गोधन न्याय योजना” के तहत औसतन 15 करोड़ रुपये की गोबर खरीद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बना रहे हैं।

ऐसा नहीं है कि भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ मॉडल केवल और केवल ग्राम आधारित है अपितु यह छत्तीसगढ़ मॉडल महात्मा गांधी के अंत्योदय के विचारों को सहेजता है जिसका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना है।

बिजली बिल हाफ योजना, डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत मोहल्ला क्लीनिक जहां शहरी क्षेत्रों के मध्यमवर्गीय तथा निचले तबके के लोगों की जेबों में कुछ राहत डालती है तो वहीं नई औद्योगिक नीति के तहत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता, शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल जैसी अभिनव पहल उन जेबों को और मजबूत बनाने का इरादा भी जताती है।

इन दो सालों में घोषणापत्र के मुख्य 36 बिंदुओं में से 24 को पूरे करने के बाद भी विपक्ष लाख कहता रहे कि भूपेश ने तो इन दो सालों में केवल गेड़ी और भंवरा ही चलाया है लेकिन छत्तीसगढ़ से प्रेम करने वाले यहाँ के हर नागरिक के दिलों से पूछियेगा तो जानेंगे कि भूपेश बघेल ने केवल गेड़ी और भंवरा नहीं चलाया बल्कि छत्तीसगढ़ को उसकी संस्कृति, उसके तीज-त्योहारों, उनके रीति-रिवाजों की मान्यताओं, उनकी महत्वत्ता और उसके गौरव से परिचित करवाया है, छत्तीसगढ़ को उसका स्वाभिमान लौटाया।
उज्ज्वल भविष्य की कामनाओं के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी को सफल दो वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *