बेमेतरा, 30 नवंबर 2020। एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है, इस बीमारी से असल में बचाव सिर्फ सुरक्षा में निहित है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके शर्मा ने बताया, एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ को दूर करना है | लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस की शुरूआत 1 दिसंबर 1988 को की गयी। तभी से प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष वैश्विक एकजुटता, साझा साझेदारी थीम पर 1 दिसंबर 15 दिसंबर 2020 तक विश्व एड्स दिवस पखवाड़ा जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पखवाड़े के दौरान लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है और कई अभियान भी चलाए जाते हैं ताकि इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा सकें।
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा डॉ. खुबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के हितग्राहियो, एचआईवी संक्रमितों, उनके परिजनो एवं बच्चो के लिए ऑनलाईन प्रतियोगिता का शुभारंभ एवं शार्ट फिल्म प्रतियोगिता का शुभांरभ किया जाएगा। साथ ही विभाग के पोस्टरो का भी विमोचन किया जायेगा एवं रेड रिबन क्लब के विद्यार्थियो हेतु आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के विजेता प्रथम सुश्री नंदनी सिन्हा, शा. पॉलीटेक्निक कॉलेज राजनांदगांव एवं राजीव कंमार गुप्ता, शा. रानी दुर्गावती कालेज वाड्रफनगर तथा द्वितिय पुरस्कार सुश्री गरिमा सिंह राठौर, श्री शंकरा ग्रुप आफ इंस्टी., सेक्टर-1 भिलाई को दिया जाएगा।
जिला क्षय/एड्स रोग अधिकारी बेमतरा डॉ जीएस ठाकुर ने बताया विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल परिसर , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेरला व साजा में स्टाल लगाकर एड्स फैलने के कारण और इससे कैसे बचा जाये के बारे में बता कर जागरूक किया जायेगा। साथ ही उन्होंने बताया, इस बार विश्व एड्स दिवस की थीम वैश्विक एकजुटता, साझा साझेदारी है ।
डॉ ठाकुर ने बताया, एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो एक रोगी से दूसरे रोगी में फैलकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता खत्म कर देती है। एचआईवी वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद कई सालों तक निष्क्रिय रहता है। हालांकि, इस दौरान वायरस शरीर के अंदर अपनी संख्या बढ़ाता रहता है और श्वेत रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी 15-20 सालों तक मरीज स्वस्थ दिखता है, लेकिन उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है।
जिला अस्पताल में तैनात एचआईवी परामर्शदाता पुरानिक नायक ने बताया एड्स का एकमात्र इलाज है बचाव। ‘सावधानी हटी – दुर्घटना घटी’ यह शब्द एड्स की बीमारी के लिए बिलकुल सही साबित होते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक संबंधों की बाढ़ में यह बीमारी और भी तेजी से फैल रही है। सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलता है।
प्रदेश में एचआईवी एड्स के 15,347 मरीज ले रहें एआरटी सेंटर से दवाएं
छग राज्य एड़स नियंत्रण समित से मिले आँकड़े के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2007 से 2020 तक लगभग 54.71 लाख लोगों की एचआईवी जांच में 35,700 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिलें हैं। जबकि वर्ष 2020 में अप्रेल से अक्टूबर तक प्रदेशभर में 4.62 लाख लोगों की जांच में 1,160 मरीज एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं। जांच के बाद अब तक कुल एचआईवी संक्रमित लोगों में से 29,437 लोग एआरटी सेंटर में पंजीकृत हैं जिसमें से 15,347 लोग एआरटी में निशुल्क दवाएं ले रहे हैं।
बेमेतरा जिले में अगस्त 2007 से अक्टूबर 2020 अब तक 1.03 लाख एचआईवी जांच में 341 पाजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इस वर्ष जनवरी 2020 से अब तक लगभग 1,800 लोगों की जांच में 35 नये एचआईवी से पीडित मरीज़ मिले हैं जिनका इलाज़ जिले ए.आर.टी सेंटर बेमतरा, साजा व बेरला में चल रहा है।
यहां होती है मुफ्त जांच
राज्य में 147 एकीकृत परामर्श एवं जांच केंद्र ( आईसीटीसी) हैं। मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल, प्राथमिक अस्पतालों में यह सेंटर्स संचालित हैं। यहां एचाआईवी जांच मुफ्त में की जाती है। मरीजों की पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। जांच के बाद दवाईयों के लिए रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, अंबिकापुर में एआरटी सेंटर्स हैं। लिंक एआरटी सेंटर्स महासमुंद, कोरबा, कांकेर, जांजगीर, जशपुर, कोरिया, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, राजनांदगांव, कवर्धा, बेमेतरा, बलौदाबाजार, मुंगेली, रायगढ़, केंद्रीय जेल रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, आईसीसी, बिलासपुर जिला अस्पताल में संचालित हैं। पॉजीटिव लोगों को दवाइयां भी शासन मुफ्त में उपलब्ध कराती है। सीजी सैक्स के अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ.एसके बिंझवार ने कहा कि शहरी जिलों में एचआईवी के नए मरीजों की संख्या बढ़ी है। युवाओं में सुई से नशा करने से एचआईवी का प्रमुख कारण बन रहा है। युवाओं को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए सेमिनारों और वर्कशॉप के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।