(पुलिया के नीचे चले कुरासिया अंडर ग्राउंड माइन्स के पैनल दरार से पुलिया के धसकने का लगाया आरोप)
(पूर्व में तत्कालीन महापौर रेड्डी के महापौर निधि से हुआ था पुलिया का मरम्मत)
चिरिमिरी । चिरमिरी में नगर निगम द्वारा एक पुलिया मरम्मत कार्य मे लगी राशि को क्षतिपूर्ति के तौर पर नगर निगम को वापिस करने की माँग अब पूर्व महापौर ने यह पता लगने के बाद की है कि वो पुलिया एसईसीएल के नीचे चले खदान के कारण धसकी थी। दरअसल किसी भी परिस्थिति में अपने नगर के नागरिकों को पूर्ववत जारी सुविधा बहाल रखने के सच्चे जनप्रतिनिधि धर्म का पालन करते रहने वाले पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान हल्दीबाड़ी से डोमनहिल होते कोरिया कालरी, बैकुण्ठपुर एवं खड़गवां होते कोरबा – बिलासपुर तक जाने वाले इस मुख्य सड़क पर बने पुराने छठघाट वाले पुलिया के मरम्मत का कार्य पुलिया के जर्जर एवं पुरानी होने की वजह से लोगों के लिए आवागमन बाधित न होने देने के मंशा से पूरे जज्बे के साथ करवाया था। उन्होंने उस समय निगम के पास बजट के कमी को देखते हुए अपने स्वयं के महापौर निधि से इस पुलिया के मरम्मत का कार्य कराया था, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि यह पुलिया तो अपने आप नहीं बल्कि इसके ठीक नीचे चले भूमिगत खदान के अंदर पैनल में आये दरार के कारण धसका था। जिसके बाद चिरमिरी नगर पालिक निगम की आयुक्त सुश्री सुमन राज को पत्र लिखकर कुरासिया भूमिगत कालरी अंतर्गत आने वाले इस हल्दीबाड़ी – डोमनहिल मुख्य मार्ग पर सड़क दफाई छठघाट के पास पुलिया के नीचे पैनल धसकने से पुलिया के क्षतिग्रस्त होने का आरोप लगाते हुए उक्त पुलिया के मरम्मत में निगम द्वारा खर्च की गई राशि 08 लाख रुपये एसईसीएल से वसूल करने की मांग की है।
उपरोक्त संदर्भ में जानकारी देते हुए पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने यह भी बताया कि इसके पूर्व उन्होंने एसईसीएल चिरमिरी के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर इसके क्षतिपूर्ति की मांग की थी, जिसके जबाब में महाप्रबंधक श्री घनश्याम सिंह ने उक्त पुलिया के नीचे किसी भी भूमिगत खदान के संचालन से इनकार करते हुए पुलिया के मरम्मत का कार्य समय – समय पर एसईसीएल द्वारा कराए जाने की बात की है, जो कि बेहद गम्भीर अनियमितता की ओर इशारा करता है। श्री रेड्डी ने इस मामले की पृथक से विस्तृत जांच की भी मांग की है। इसके साथ ही श्री रेड्डी ने उक्त क्षतिग्रस्त पुलिया से विकास यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के काफिले को गुजारने की घटना को गम्भीर सुरक्षा चूक बताते हुए इसके लिए एसईसीएल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है व इसके भी जांच की मांग की है।
पूर्व महापौर श्री रेड्डी ने चिरमिरी नगर पालिक निगम के आयुक्त को लिखे अपने पत्र में कहा है कि हल्दीबाड़ी – डोमनहिल मुख्य मार्ग के सड़क दफाई छठ घाट के पास का पुलिया क्षतिग्रस्त हो जाने के बादि नागरिक सुविधा बहाल रखने के अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए, नगर निगम ने उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय वर्ष 2017 में महापौर निधि से लगभग 08 लाख के लागत से मरम्मत करवाया था। लेकिन यह पुलिया अपने आप नहीं बल्कि इसके ठीक नीचे एसईसीएल के भूमिगत खदान में आए दरार के कारण धसकी थी। बाद में उन्होंने ऐसी विश्वस्थ जानकारी मिलने पर एसईसीएल से नगर निगम को लागत राशि देने की मांग की थी, परंतु एसईसीएल द्वारा इस पुलिया के निर्माण और मरम्मत को अपना काम बताया जा रहा है। इसी दौरान एसईसीएल प्रबंधन द्वारा शासन – प्रशासन को बिना जानकारी दिए इस जर्जर पुलिया से उन दिनों तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री जी के काफिले को भी गुजार दिया गया था जो एक संवेदनशील विषय है।
श्री रेड्डी ने पत्र में आगे कहा है कि उनके महापौर निधि से मरम्मत करवाये जाने के जानकारी देने के बावजूद भी एसईसीएल महाप्रबंधक ने उन्हें उनके इस संदर्भित पत्र के विषय में कहा कि “प्रकरण की जाँच उपरांत उप क्षेत्रीय प्रबंधक कुरासिया ने स्पष्ट किया है कि प्रश्नाधीन मार्ग एवं इसके अंतर्गत निर्मित पुलिया का निर्माण एस.ई.सी.एल. चिरमिरी क्षेत्र द्वारा कराया गया है एवं समय – समय पर आवश्यकता अनुसार उसके मरम्मत का कार्य भी किया जाता है। साथ ही अपने इस पत्र में एसईसीएल महाप्रबंधक ने बेहद गैरजिम्मेदाराना जबाब देते हुए यहाँ तक कहा है कि उस पुलिया के नीचे कोयले का उत्खनन हुआ ही नहीं है और यह पुलिया कभी क्षतिग्रस्त हुआ ही नहीं है और न कभी यहाँ का आवागमन बाधित हुआ है।” श्री रेड्डी ने महाप्रबंधक से पुनः पूछा है कि ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि उत्खनन हुआ ही नहीं है, तो फिर वहाँ पास के जमीनों में जगह – जगह दरारें और बगल में पुराना छठघाट वाला जमीन कैसे धसक गया है। साथ ही यह सवाल भी किया है कि सम्बंधित इस क्षेत्र के आसपास तीन जगहों पर पॉट होल कैसे हुआ है ? यहाँ पर पुराना पंखा घर क्यों बना था और अब वो कहाँ गया? आसपास इतने बार फिर मिट्टी फिलिंग क्यों कराया गया? क्या ये भ्रष्टाचार के लिए कराए गए हैं? इन कार्यों को किन – किन ठेकेदारों ने किन – किन अधिकारियों के देखरेख में किया है? तथा इस सम्बंधित पुलिया वाले स्थान के भू-सतह एवं भूमिगत दोनों स्थलों के नक्शा की भी जांच किए जाने की आवश्यकता है इस सम्बंध में कलेक्टर कोरिया से भी मुलाकात कर, सम्पूर्ण वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए उचित पहल की माँग की है।
श्री रेड्डी ने आगे कहा है कि अब तो यह मामला बेहद संगीन हो गया है कि क्या एक ही पुलिया का निर्माण व मरम्मत क्षेत्र के दो अलग – अलग एजेंसियों के द्वारा कराया गया है? महापौर रहते उन्होंने खुद अपने महापौर निधि से जिस पुलिया का मरम्मत कार्य कराया था, उसे एसईसीएल मानने को कैसे तैयार नहीं है? यह गम्भीर जांच का विषय है। श्री रेड्डी ने चिरमिरी नगर पालिक निगम की आयुक्त सुश्री सुमन राज से इस सम्बंध में एसईसीएल से जानकारी लेने एवं पुलिया से समस्त दस्तावेज उन्हें उपलब्ध कराने की मांग की है, जिससे कि नगर निगम को हुए इस आर्थिक नुकसान की भरपाई कराई जा सके और एसईसीएल के झूठ का पर्दाफाश भी किया जा सके। पत्र की प्रतिलिपि कोयला सचिव, डीजीएमएस, सीएमडी, कलेक्टर और खनिज अधिकारी को भी प्रेषित करते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है।