औद्योगिक प्रयोजन के लिए जल-दर का निर्धारण


रायपुर, 03 नवम्बर 2020/छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा सम्पूर्ण राज्य में औद्योगिक प्रयोजन, ताप विद्युत तथा जल विद्युत परियोजनाओं के उपयोग के लिए जल-दर निर्धारित किया गया है। राज्य शासन द्वारा निर्धारित जल दरें 21 अक्टूबर 2020 से प्रभावशील होगी। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ सिंचाई अधिनियम-1931 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए सम्पूर्ण राज्य में औद्योगिक प्रयोजन ताप विद्युत तथा जल विद्युत परियोजनाओं के लिए जल-दर निर्धारित किया गया है।
औद्योगिक प्रयोजन अंतर्गत ताप विद्युत प्रयोजन के लिए शासकीय स्त्रोत से निर्मित बांध, जलाशय, बैराज, एनीकट आदि शामिल है। शासकीय मद से निर्मित जल संग्रहण संरचना के लिए जल-दर 10.50 रूपए प्रति घन मीटर निर्धारित किया गया है। संस्थानों की अग्रिम जल-कर की राशि से निर्मित जल संग्रहण संरचना से निर्मित होने पर जल-दर 10.50 रूपए प्रतिघन मीटर तथा नहर प्रणाली के लिए 12.25 रूपए प्रतिघन मीटर जल-कर का निर्धारित किया गया है। नैसर्गिक स्त्रोत के तहत नदी, नाले आदि के बहाव के जल का औद्योगिक प्रयोजन ताप विद्युत प्रयोजन के लिए करने पर 5 रूपए प्रतिघन मीटर और भू-जल के लिए जल-कर 10 रूपए प्रतिघन मीटर देय होगा। इस जल-दर पर प्राप्त जल-कर की शत प्रतिशत राशि, पृथक से निर्मित ’भू-जल संरक्षण कोष’ में जमा की जाएगी। इस कोष की राशि का उपयोग भू-जल संवर्धन ( Recharging) आदि के लिए किया जाएगा। स्वनिर्मित स्त्रोत से जल का उपयोग करने पर 3.50 रूपए प्रतिघन मीटर जल कर निर्धारित है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे उद्योग (जैसे-कोल्डड्रिंक्स, मिनरल वाटर, शराब आदि) जो जल का उपयोग कच्चे माल ( Raw Material) के रूप में करते हैं, उनके लिए अलग से जल-दर निर्धारित किए हैं। शासकीय स्त्रोत से निर्मित बांध, जलाशय, बैराज, एनीकट आदि से जल का उपयोग के अर्न्तगत शासकीय मद से निर्मित जल संग्रहण संरचना से एवं संस्थानों की अंग्रिम जल-कर की राशि से निर्मित जल संग्रहण संरचना नहर प्रणाली से जल का उपयोग के लिए 200-200 रूपए प्रतिघन मीटर जल-कर की राशि निर्धारित किया गया है। नैसर्गिक स्त्रोत के तहत नदी, नाले आदि के बहाव से जल का उपयोग करने वाले उद्योगों के लिए 100 रूपए प्रतिघन मीटर तथा भू-जल का उपयोग करने वाले उद्योगों के लिए 250 रूपए प्रतिघन मीटर जल-कर निर्धारित किया है। स्वनिर्मित स्त्रोत से जल का उपयोग करने पर 80 रूपए प्रतिघन मीटर जल-कर देय होगा। इन जल दरों से प्राप्त जल-स्तर की शत-प्रतिशत राशि, पृथक से निर्मित ‘‘भू-जल संरक्षण कोष‘‘ में जमा की जाएगी तथा इस कोष की राशि का उपयोग भू-जल संवर्धन आदि में किया जाएगा।
जल विद्युत प्रयोजन (जल के उपयोग पश्चात पुनः प्राप्ति) 25 मेगावाट से, अधिक क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना का उपयोग करने वाले उद्योगों के लिए जल-कर निर्धारित किए है। शासकीय स्त्रोत, बांध, जलाशय, बैराज, एनीकट आदि से जल का उपयोग करने वाले उद्योगों को जल-कर (एक रूपए सात पैसे) विद्युत इकाई उत्पादन एवं 2 रूपए-100 वि.ई.उ. पर प्रतिवर्ष एस्केलेशन चार्जेश लगेगा।
नहर प्रणाली से जल का उपयोग पर जल-कर एक रूपए 25 पैसे विद्युत ईकाई उत्पादन एवं दो रूपए पचास पैसे 100 वि.ई.उ. उत्पादन पर प्रतिवर्ष एस्केलेशन चार्जेस लगेगा। नैसर्गिक-स्वनिर्मित स्त्रोत से जल का उपयोग करने वाले उद्योगों को जल-कर 0.35 पैतीस पैसे वि.ई.उ. पर जल-कर देय होगा। 25 मेगावाट या उससे कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाएं जो शासकीय, नैसर्गिक, स्वनिर्मित आदि विभिन्न स्त्रोत से जल का उपयोग करने वाले उद्योगों के लिए जल-कर का निर्धारण 6 पैसे वि.ई.उ. पर जल-कर का निर्धारण किया है।
औद्योगिक जल-दर निर्धारण संबंधी पूर्व की अधिसूचना, 24 फरवरी 2016 की ’विशेष विवरण’ अंतर्गत उल्लेखित ’संस्थानों की अग्रिम जल-कर की राशि से निर्मित जल संग्रहण संरचना से….’ की श्रेणी को विलोपित किया गया है। परंतु इस श्रेणी के अंतर्गत पूर्व से ही जिन संस्थानों को जल आबंटित है, या जो जल उपयोग कर रहे हैं। इस हेतु शासन की अधिसूचना 24 फरवरी 2016 अनुसार इस श्रेणी हेतु निर्धारित जल-दर 5 रूपए 50 पैसे/घन मीटर ही लागू रहेगी एवं इसका लाभ उन्ही संसथानों को प्राप्त होगा जिनके द्वारा, उनके हिस्से की निर्माण राशि एवं भू-अर्जन मुआवजा राशि का ब्याज सहित पूर्ण भुगतान कर दिया गया होगा। संबंधित संस्थान द्वारा विभाग में जमा अग्रिम जल-कर की रािश का, संस्थान द्वारा जल उपयोग प्रारंभ करने के पश्चात नियमानुसार देय जल-कर की राशि में समायोजन किया जाएगा। तत्पश्चात् संबंधित प्रकरण में, इस अधिसूचना की ’शासकीय मद से निर्मित जल संग्रहण संरचना’ अंतर्गत प्रस्तावित जल-दर रूपए 10.50 प्रतिघन मीटर अथवा तत्समय में प्रचलित जल-दर लागू होंगी।

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