शासकीय कर्मचारियों को आर्थिक लाभ से वंचित रखा जाना प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता का परिचायक : भाजपा

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने तत्काल कर्मचारियों को उनके लाभ के आर्थिक पैकेज का भुगतान करने की मांग की

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश शासन के कर्मचारियों को उनके आर्थिक लाभ से वंचित रखे जाने को प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता का परिचायक बताते हुए राज्य के कर्मचारियों को उनके हक़ का राहत पैकेज देने की मांग की है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण के इस संकटकाल में भी अपने कर्मचारियों के आर्थिक हितों के प्रति बेपरवाह है और उन्हें आर्थिक लाभ से वंचित रखकर अमानवीयता की पराकाष्ठा कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि राज्य के कर्मचारियों को वर्ष 2019 से एरियर्स मिलाकर 05 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं देकर प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों का आर्थिक शोषण कर रही है। प्रदेश के सभी कर्मचारियों को अपने हक़ के 650 करोड़ रुपयों से वंचित रखे जाने से प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल उठना लाज़िमी है। इसी तरह सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त का भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारी अपने 250 करोड़ रुपयों से वंचित हैं। श्री कौशिक ने कहा कि जुलाई 2019 से महंगाई भत्ते का भुगतान लंबित रहने से इन कर्मचारियों को 625 करोड़ रुपयों से वंचित रखा गया है।

इसी तरह जुलाई 2020 से रोकी गई वेतनवृद्धि से लगभग 540 करोड़ रुपों का नुकसान कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने हैरत जताई है कि जिन कर्मचारियों से कोरोना संकट से निपटने के नाम पर प्रदेश सरकार ने एक-एक दिन का वेतन हासिल किया, उन्हीं कर्मचारियों के आर्थिक हितों पर वह चोट पहुँचा रही है। श्री कौशिक ने तत्काल प्रदेश के सभी कर्मचारियों को उनके लाभ के आर्थिक पैकेज का भुगतान करने की मांग प्रदेश सरकार से की है।

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