मणिपुर में भारत-म्‍यांमार सीमा पर जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति योजनाओं की शुरुआत

नई दिल्ली : मणिपुर के मुख्‍यमंत्री श्री एन. बी‍रेन सिंह ने जल जीवन मिशन के तहत 2 ग्रामों के लिए दो जल आपूर्ति योजनाओं का उद्घाटन किया है। भारत-म्‍यांमार सीमा पर बसे ये दोनों गांव काफी दूरस्‍थ हैं और कभी पूरी तरह उग्रवाद प्रभावित थे लेकिन अब यहां जल जीवन मिशन के तहत पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है। मणिपुर के चंदेल जिले की खेंगजोय सब डिवीजन का खांगबारोल गांव जिला मुख्‍यालय से 69 और भारत-म्‍यांमार सीमा से 30 किलोमीटर दूर है, जिसमें 82 परिवार हैं। यहां के लिए जल आपूर्ति वर्ष 2041 को ध्‍यान में रखते हुए की गई है और उस समय ग्राम की अनुमानित आबादी 1000 हो जाएगी। इस गांव में गुरुत्‍व आधारित जल आपूर्ति पर लगभग 60 लाख रुपये खर्च आया है और इससे गांव के 450 लोगों को नल का पानी मुहैया होगा।

जल स्रोत शोधन स्‍थल से अधिक की ऊंचाई पर है और ऊंचाई अधिक होने के कारण गुरुत्‍व आधारित जल आपूर्ति पर जोर दिया गया है। जल शोधन स्‍थल से 6 किलोमीटर दूर खांगबारोलॉक में पानी का पूरे वर्ष भर रहने वाला एक स्रोत है। चंदेल जिले की खेंगजोय सब डिवीजन का खेंगजोय गांव जिला मुख्‍यालय से 60 किलोमीटर और भारत-म्‍यांमार से 20 किलोमीटर दूर है। हाल ही में जिस जल आपूर्ति की प्रक्रिया की शुरुआत की गई है वह इस गांव के 73 परिवारों की आवश्‍यकताओं को पूरा करेगी और इस योजना के संचालन और उसकी देखभाल का जिम्‍मा गांव की जल एवं साफ-सफाई समिति का है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत पानी की नियमित और दीर्घकालिक आपूर्ति की जा सके।

यह क्षेत्र मानसून सीजन के दौरान मुख्‍य धारा से पूरी तरह कटे रहते हैं और इसी वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति योजनाओं का क्रियान्‍वयन सबसे बड़ी चुनौती रहा है क्‍योंकि आवश्‍यक वस्‍तुओं और सामग्रि‍यों की आपूर्ति साल के एक विशेष समय में ही संभव होती है और यह सामग्री इंफाल अथवा पाल्लेल शहर से ही भेजी जाती है। इसके अलावा, दूसरी सबसे बड़ी चुनौती संचार की है और यहां कम संचार नेटवर्क रहता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहले से ही मानव श्रम की कमी है और इस तरह के कार्यों के लिए प्रशिक्षित मानव श्रम भी एक समस्‍या है। कोविड-19 महामारी के दौरान जन स्‍वास्‍थ्‍य इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने दिन-रात कठिन मेहनत कर यह सुनिश्चित किया कि दूर-दराज के गांव के प्रत्‍येक घर में नल का पानी पहुंचाया जा सके।

मणिपुर में हाल ही में जल जीवन मिशन के क्रियान्‍वयन की मध्‍यकालिक समीक्षा की गई जिसमें मणिपुर के अधिकारियों ने जल जीवन मिशन की प्रगति के बारे में अवगत कराया। राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों में जल जीवन मिशन के क्रियान्‍वयन की प्रगति का आकलन करने के लिए वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए योजना की समीक्षा के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं, जिसमें सभी राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों के ग्रामीण आवासों में नल के पानी की स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। मणिपुर में लगभग 4.5 लाख आवास हैं जिनमें से मात्र 30,379 आवासों में ही नल के पानी के कनेक्‍शन हैं। मणिपुर में वर्ष 2020-21 के दौरान राज्‍य सरकार ने 2 लाख घरों में पानी के क्रियाशील कनेक्‍शन (एफएचटीसी) देने का लक्ष्‍य रखा है और इस वर्ष राज्‍य सरकार 1 जिले, 15 ब्‍लॉक्स और 1275 गांवों को शत-प्रतिशत इसके दायरे में शामिल करने की योजना बना रही है। राज्‍य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2023 तक सभी घरों में पानी के कनेक्‍शन की योजना बनाई है।

मणिपुर को 2020-21 में 131.80 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी जिसमें से अब तक 32.95 करोड़ जारी किए जा चुके हैं और भौतिक एवं वित्तीय निष्‍पादन क्षमता के आधार पर राज्‍य अतिरिक्‍त धनराशि के आवंटन का पात्र है। मणिपुर को 15वें वित्तीय आयोग अनुदान के तहत 177 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं और इसका 50 प्रतिशत हिस्‍सा जल आपूर्ति एवं स्‍वच्‍छता पर खर्च किया जाना है जिसे देखते हुए राज्‍य सरकार को इन मदों में धनराशि खर्च करने की योजना बनानी है और जल आपूर्ति योजनाओं के रखरखाव तथा इनके दीर्घकालिक संचालन को भी सुनिश्चित किया जाना है।

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