रायपुर। लोकनिर्माण विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने आज पूर्व मंत्री राजेश मूणत पर आरोप लगाया कि राजेश मूणत ने अपने विभागीय मंत्रित्व काल में बड़ी लागत वाले निर्माण कार्यो के निविदा में निहित निर्धारित समयावधि में छूट देकर शासन को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
विकास उपाध्याय ने लोकनिर्माण विभाग के एक विभागीय समीक्षा में पाया कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत के इस विभाग में रहते शासन को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान सिर्फ इसलिए उठाना पड़ा कि विभागीय मंत्री रहते राजेश मूणत ने बड़े ठेकेदारों को ये खुली छूट दे रखी थी कि उनके लिए निविदा में उल्लेखित कार्य पूर्ण करने के लिए समय सीमा की अवधि कोई मायने नहीं रखती और 10 करोड़ का कार्य समय के साथ 60 से 70 करोड़ तक कि लागत में पहुँच गया तो 50 करोड़ का 200 करोड़ तक।
विकास उपाध्याय ने कहा बड़े ठेकेदारों के साथ- साथ जब विभागीय जिम्मेदार मंत्री की भी नियत में जब खोट आ जाये तो इसका खामियाजा शासन को ही उठानी पड़ती है। जिसका प्रभाव राज्य की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है और इसके शिकार अप्रत्यक्ष रूप से आम जनता पर पड़ता है जो दिखाई नहीं देता पर तत्कालीन सरकार पर जो 41हजार करोड़ रुपये का कर्ज था, इसी का नतीजा है।
विकास उपाध्याय ने कहा राजेश मूणत अपने पॉवर का खुला दुरुपयोग कर इस तरह छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ धोखा देकर लोकनिर्माण विभाग के बड़े ठेकेदारों से कमीशन लेने में व्यस्त रहे। जिसका खामियाजा आज प्रदेश की जनता भुगत रही है। तत्कालीन सरकार में सिर्फ कमीशन का खेल चलते रहा। न्याय के नाम पर न ही किसानों को कुछ मिला न ही यहां के बेरोजगारों को। राजेश मूणत 15 वर्षों तक सिर्फ कॉरपोरेट घरानों के साथ रहे। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आम जनता अपने मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते रहे। मूणत नगरीय प्रशासन मंत्री रहते भी अपने क्षेत्र की पूरी उपेक्षा की न ही जनता को इसका लाभ मिला और न ही विभाग को सिर्फ निजी स्वार्थ से जुड़े हित से संबंधित कार्यो को कर राजेश मूणत ने प्रगतिशील प्रदेश छत्तीसगढ़ को 15 वर्ष पीछे कर दिया है।
विकास उपाध्याय ने राजेश मूणत पर ये भी आरोप लगाया कि वे इस काली कमाई का उपयोग षड़यंत्रकारी कार्यो में लगाते रहे, चाहे अंतागढ़ में विधायक खरीदफरोख्त का मामला हो या फिर अपने विरोधी विपक्ष के नेताओं के विरुद्ध जनता के बीच छबि खराब करने की बात हो।उन्होंने कहा जनता मूणत के 15 साल की काली कमाई का एक-एक हिसाब माँग रही है।