रायपुर। वरिष्ठ पत्रकार मोहन राव को श्रद्धांजलि के साथ कांग्रेस की पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार मोहन राव के जाने से एक अभूतपूर्ण क्षति हुई है। मैं उनको श्रधंजलि अर्पित करता हूँ।
कृषि बिल के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बिल लाया गया वो संविधान की मूल भावना के विपरीत है। अभी जो विधेयक पारित किया गया वो राज्य और विधान मंडल का विषय है। इसलिए को लोकसभा और राज्यसभा में जो कानून पारित किया गया वो असंवैधानिक है। इस लिए इसका नाम बदल दिया गया। इस बिल से केंद्र ने राज्य सरकार के अधिकार को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए हम इसका विरोध करते है। इस कानून के लिए राज्यो को बिना विश्वास में लिए हुए बिल बनाया गया है।
शान्ता कुमार के रिपोर्ट के अनुरूप ही ये बिल बना है। जब हम लोग कोरोना से जूझ रहे है तब यह अध्यादेश लाया गया। इसमें ये कहा गया कि किसान अपनी फसल को कही भी बेच सकता है। ये तो पहले ही था कि किसान कही भी अपनी फसल बेच सकता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से व्यापारियों को फायदा होगा। जब फसल का सीजन आएगा तब व्यापारी किसी भी दर से खरीदेंगे फिर मनमाने दाम में बेचेंगे। उन्होंने कहा की निजी मंडियों के आने से सरकार की मंडियों को खत्म किया जा रहा है। पहले मंडी सचिव सब विवाद को पांच दिन में सुलझा लेता था, पर अब इसमें कितना टाइम लगेगा कोई नही जानता। यह मंडी अधिनियम को भी कठोराघाट है। यदि इसी लागू किया जाएगा उससे किसानों को कोई फायदा नही होगा, जैसे बीमा में फायदा केवल कंपनी को होता है।
पीडीएस को भी समाप्त करना जा रही है केंद्र। शांता कुमार की कमेटी ने इस बारे में कहा है कि किसानों को msp की जानकारी नही रहती। जबकि छत्तीसगढ़ में किसानों को msp का लाभ मिल है। पीडीएस पर शांता कुमार कमेटी ने कहा की इसका चावल काला बाजारियों के पास जाता है वो गलत है। एफ सी आई के बारे में भी जो बातें कही है उससे साफ लगता है कि वे लोग इसे समाप्त करने जा रहे है।
शांता कुमार कमेटी में कहा गया है कि निजी लोगो की प्रतिभागिता बधाई जाए। जो कि गलत है। इससे साफ है कि केंद्र सरकार एफसीआई और पीडीएस बंद कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रिपोर्ट से साफ होता है कि ये लोग केवल कॉर्पोरेट का फायदा करना चाहते है। मोदी ने कहा था कि स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे, पर अब तक नही हुआ।
मुख्यमंत्री ने ये कानून बेक डोर एंट्री नही है क्या। कभी तो ये कहते है वन नेशन की बात पर उसका क्या हुआ। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक देश एक बाजार के नारे पर एक दर एक शब्द भी जोड़ दें।
छत्तीसगढ़ में इस विषय को लेकर हम लोग हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और हम मांग करते है कि इस कानून को वापस ले सरकार साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करें।