जगदलपुर। नगरनार में 23 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता का इस्पात संयंत्र स्थापित कर रही सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने मजदूर संगठनों से विरोध प्रदर्शन छोड़ बस्तर में इस्पात संयंत्र के सपनों को पूरा करने की अपील की है।
बता दें कि सोमवार को मजदूर संगठनों ने स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण के फैसले के विरोध में नगरनार में विरोध प्रदर्शन करके स्टील प्लांट का कामकाज ठप कर दिया था। मजदूर संगठनों के इस कदम के बाद नगरनार स्टील प्लांट प्रबंधन की ओर से अपील जारी कर काम में रूकावट आने को खेदजनक स्थिति बताया। पत्र में कहा गया है कि कोविड महामारी के दौर में तीन सप्ताह ही स्टील प्लांट का काम बंद रखा गया था। तीन सप्ताह बाद ही एनएमडीसी द्वारा स्टील प्लांट का निर्माण कार्य चालू कर दिया गया। कोविड महामारी के नियंत्रण से जुड़ी गाइडलाइन का पालन करते हुए स्टील प्लांट का निर्माण अधिकारी-कर्मचारी व मजदूर लगे हुए हैं। प्लांट बनकर तैयार होने की स्थिति में है। पत्र में कहा गया है कि एनएमडीसी का बस्तर के साथ छह दशक से करीबी संबंध कायम है। एनएमडीसी द्वारा छग और बस्तर के विकास और यहां के निवासियों के हित में कई काम किए जा रहे हैं। बस्तर का सपना रहा है कि यहां स्टील प्लांट स्थापित हो और इस सपने को एनएमडीसी पूरा करने में दिन- रात जुटा है। ऐसे दौर में स्टील प्लांट के काम में रूकावट की स्थिति बनना ठीक नहीं है। नगरनार स्टील प्लांट के महाप्रबंधक एवं संचार प्रमुख रफीक अहमद जिनाबड़े द्वारा प्रबंधन की ओर से जारी अपील पत्र में स्टील प्लांट के निर्माण से जुड़े सभी पक्षों से काम पर लौटने का आग्रह किया गया है।